तास अवार्ड 2024: सुरेश प्रभु और सौम्या स्वामीनाथन का किसान-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने पर जोर

अपने भाषण में सुरेश प्रभु ने खाद्य, पोषण और पर्यावरण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इनोवेशन और गहन अनुसंधान की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने किसान-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने की वकालत की। उनके वक्तव्य में सस्टेनेबल कृषि के लिए रणनीति प्रस्तुत की गईं, जिसे श्रोताओं ने व्यापक रूप से सराहा।

तास अवार्ड 2024: सुरेश प्रभु और सौम्या स्वामीनाथन का किसान-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने पर जोर

प्रतिष्ठित तास (TAAS) पुरस्कार समारोह 2024 का आयोजन 20 दिसंबर को नई दिल्ली स्थित प्रसिद्ध पूसा संस्थान परिसर में किया गया। इस कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। एमएसएसआरएफ चेन्नई की अध्यक्ष डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने समारोह की अध्यक्षता की। तास के चेयरमैन और पूर्व डेयर (DARE) सचिव तथा डीजी, आईसीएआर डॉ. राज एस. परोदा ने स्वागत भाषण दिया। इस आयोजन में लगभग 100 प्रमुख कृषि विशेषज्ञ शामिल हुए।

अपने भाषण में सुरेश प्रभु ने खाद्य, पोषण और पर्यावरण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इनोवेशन और गहन अनुसंधान की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने किसान-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने की वकालत की। उनके वक्तव्य में सस्टेनेबल कृषि के लिए रणनीति प्रस्तुत की गईं, जिसे श्रोताओं ने व्यापक रूप से सराहा। डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने किसानों की समस्याओं को हल करने, उन्हें बाजार से जोड़ने, समय पर इनपुट प्रदान करने और मानव पोषण और स्वास्थ्य से संबंधित चिंताओं को दूर करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

डॉ. कमल बावा, एफआरएस, उत्कृष्ट प्रोफेसर एमेरिटस, बायोलॉजी, यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स, यूएसए को डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन अवार्ड फॉर लीडरशिप इन एग्रीकल्चर (2023) प्रदान करते हुए एमएसएसआरएफ चेयरपर्सन डॉ. सौम्या स्वामीनाथन और तास चेयरमैन डॉ. राज एस. परोदा।

इस कार्यक्रम में 'डॉ. एमएस स्वामीनाथन अवार्ड फॉर लीडरशिप इन एग्रीकल्चर' भी दिया गया। तास (ट्रस्ट फॉर एडवांसमेंट ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज) ने 2004 में कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए इस अवार्ड की शुरुआत की थी। हर साल दिए जाने वाले इस पुरस्कार में एक ट्रॉफी, प्रशस्ति पत्र और एक लाख रुपये की नकद राशि प्रदान की जाती है।

शुरुआत से लेकर अब तक 15 प्रमुख शख्सीयतों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इनमें नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. नॉर्मन ई. बोरलॉग, वर्ल्ड फूड प्राइज विजेता डॉ. गुरदेव खुष और डॉ. एस.के. वासल, और अन्य प्रतिष्ठित नाम जैसे प्रो. रतन लाल, डॉ. संजय राजाराम, डॉ. एमसी सक्सेना, डॉ. विलियम डार, डॉ. थॉमस लंपकिन, डॉ. उमा लेले, डॉ. जॉन डिक्सन, डॉ. शेंग्गेन फैन, डॉ. एडेल बेल्टगी, डॉ. सूरी सहगल, डॉ. कमल बावा और डॉ. बीएम प्रसन्ना शामिल हैं। यह पुरस्कार राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों द्वारा प्रदान किए गए हैं।

डॉ. बीएम प्रसन्ना, निदेशक, ग्लोबल मेज प्रोग्राम, सीआईएमएमवाईटी, नैरोबी, केन्या एमएसएसआरएफ चेयरपर्सन से डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन अवार्ड फॉर लीडरशिप इन एग्रीकल्चर (2024) ग्रहण करते हुए।

2024 में तास ने दो नए पुरस्कारों की शुरुआत की- डॉ. नॉर्मन ई. बोरलॉग इनोवेटिव फार्मर अवार्ड और डॉ. एसके वासल अवार्ड फॉर एक्सीलेंस इन हाइब्रिड क्रॉप रिसर्च। कृषि विज्ञान और सस्टेनेबिलिटी में उत्कृष्ट योगदान के लिए अशोका ट्रस्ट के संस्थापक डॉ. कमल बावा को 2023 का और सीआईएमएमवाईटी के डॉ. बीएम प्रसन्ना को 2024 का डॉ. एमएस स्वामीनाथन पुरस्कार दिया गया।

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