वैज्ञानिक साल में एक महीना खेत में जाकर किसानों को सिखायें: शिवराज सिंह चौहान
केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि वैज्ञानिकों और किसानों के जुड़ाव पर जोर देते हुए कहा कि सारे वैज्ञानिक साल में एक महीना खेत में जाकर किसानों को सिखाएं। किसानों को अगर वैज्ञानिकों से जोड़ देंगे, तो उत्पादन भी बढ़ेगा और टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए हम लागत भी घटा पाएंगे। यह बात उन्होंने मंगलवार को नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के स्थापना एवं प्रौद्योगिकी दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कही।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आईसीएआर ने 6 हजार किस्में दी हैं। इनमें से कितनी किस्में लैब से लैंड तक पहुंची हैं। किसान और वैज्ञानिक कितना जुड़ा है, हमें इस पर काम करना है। उन्होंने कहा देश में 731 कृषि विज्ञान केंद्र हैं। उनमें 2-2 वैज्ञानिकों को एक-एक केंद्र में भेजिये। वे वहां अध्ययन और शोध करें, तभी हम किसानों को फायदा पहुंचा सकते हैं।
शिवराज सिंह चौहान ने कृषि वैज्ञानिकों से देश को दलहन और तिलहन में भी आत्मनिर्भर बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि उत्पादन बढ़ाना ज़रूरी है लेकिन इस पर भी ध्यान देना जरूरी है कि मानव शरीर पर उसका क्या प्रभाव होगा। कृषि मंत्री ने प्राकृतिक खेती पर अनुसंधान करने पर भी जोर दिया। साथ ही जलवायु परिवर्तन को देखते हुए काम करने की आवश्यकता बताई।
कृषि मंत्री ने कहा कि छोटी जोत के किसान के लिए मॉडल फॉर्म बनाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि कृषि विविधिकरण से किसानों आय बढ़ाना संभव है। उन्होंने वैज्ञानिकों से कहा कि हम चार साल के लक्ष्य निर्धारित करें और चार साल के बाद हम कहें कि हमने यह लक्ष्य पूरे किये। भारत को 2047 तक विकसित बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को पूरा करने के लिए कृषि और संबंधित क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
समारोह में उत्कृष्ट कार्य करने वाले वैज्ञानिकों को समानित किया गया तथा आईसीएआर के कई प्रकाशनों का विमोचन भी किया गया। इस मौके पर केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि जिन संस्थाओं ने आईसीएआर के साथ अनुबंध किये हैं वो जल्दी से जल्दी क्रियान्वित करें ताकि किसानों को लाभ मिले। सचिव (कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग) एवं महानिदेशक (आईसीएआर) हिमांशु पाठक ने कहा कि आईसीएआर ने प्रौद्योगिकी उपज के उपयोग से भारत को वैश्विक कृषि-निर्यातक बनने में मदद की है।
इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी एवं राम नाथ ठाकुर, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी तथा अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन और केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी तथा पंचायती राज मंत्रालय राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल और आईसीएआर से जुड़े कृषि वैज्ञानिक उपस्थित रहे।