बढ़ते विरोध के बीच रिलायंस की सफाई- कांट्रैक्ट फार्मिंग में नहीं उतरेगी और एमएसपी जैसे मॉडल के साथ
बढ़ते विरोध के बीच रिलायंस की सफाई- कांट्रैक्ट फार्मिंग में नहीं उतरेगी और एमएसपी जैसे म़ॉडल का किया समर्थन
देश भर में रिलायंस के खिलाफ किसानों के बढ़ते विरोध और खास तौर से पंजाब में रिलायंस के बिजनेस प्रतिष्ठानों को हुए नुकासान के बाद कंपनी ने कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग, एमएसपी सहित कई मुद्दों पर सफाई जारी की है। कंपनी ने कहा है कि हमारा कॉरपोरेट फार्मिंग या कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से कोई लेना देना नहीं है। साथ ही कॉरपोरेट या कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के बिजनेस में उतरने की कोई योजना नहीं है। कंपनी ने यह भी कहा है कि हमने कभी भी कॉरपोरेट फार्मिंग के लिए खेती की जमीन नहीं खरीदी है। इसके अलावा वह वह खेती की जमीन भी नहीं खरीदेगी।
हाईकोर्ट में दायर करेगी याचिका
रिलायंस जियो के मोबाइल टावरों को क्षतिग्रस्त करने के मामले में कंपनी ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया है। कंपनी ने कोर्ट से मांग की है कि सरकार इस तरह के मामलों में तत्काल दखल दे। उसने कहा है कि इस तरह की हिंसा की घटनाओं से कंपनी के हजारों कर्मचारियों की जिंदगी खतरे में है। इसके साथ ही कंपनी के कई सारे संचार उपकरणों, सेल्स और सर्विस आउटलेट्स को नुकसान पहुंचाया गया है। उपद्रवी तत्वों ने रिलायंस के ठिकानों पर उत्पात मचाया जिन्हें हमारे कारोबारी प्रतिस्पर्धियों ने सहायता पहुंचाई है।
एमएसपी के बारे में क्या कहा
कंपनी ने यह भी साफ किया है कि वह किसानों से सीधे अनाज नहीं खरीदती है। सप्लायर्स किसानों से MSP पर अनाज खरीदते हैं। कंपनी ने कहा कि उसने कभी भी कम कीमत पर लंबी अवधि की खरीदारी का करार नहीं किया है। कंपनी ने कहा कि उनका मकसद किसानों को ताकतवर बनाना है। वह एमएसपी या सरकार द्वारा दूसरे किसी मॉडल जो किसानों को मजबतू करते हैं, उनका समर्थन करती है।