पीएम की सलाह, उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसान आधुनिक तकनीक अपनाएं
प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जल्दी ही कृषि और खेती के तरीके को बदल देगा। खेती में ड्रोन का इस्तेमाल इसी बदलाव का एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी बड़े पैमाने पर तभी उपलब्ध होगी जब हम कृषि स्टार्टअप को बढ़ावा देंगे। बीते तीन-चार वर्षों में देश में 700 से ज्यादा कृषि स्टार्टअप खड़े हुए हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से उत्पादकता बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने, प्राकृतिक उत्पादों की बिक्री पर जोर देने और वैश्विक बाजार में भारत के मिलेट को प्रमोट करने की सलाह दी। उन्होंने किसान विकास केंद्रों को सलाह दी कि वे प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूकता पैदा करें और कहा कि हर केंद्र को एक गांव गोद लेना चाहिए ताकि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा सके। मोदी गुरुवार को कृषि पर एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जल्दी ही कृषि और खेती के तरीके को बदल देगा। खेती में ड्रोन का इस्तेमाल इसी बदलाव का एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी बड़े पैमाने पर तभी उपलब्ध होगी जब हम कृषि स्टार्टअप को बढ़ावा देंगे। बीते तीन-चार वर्षों में देश में 700 से ज्यादा कृषि स्टार्टअप खड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल बढ़ाने की कोशिश कर रही है। सरकार का प्रयास यह भी है कि इसमें अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन किया जाए। कृषि संपदा योजना के साथ परफॉर्मेंस आधारित इंसेंटिव स्कीम (पीएलआई) की इसमें अहम भूमिका है। वैल्यू चैन की भी भूमिका बड़ी है। इसलिए बजट में एक लाख करोड़ रुपए के विशेष कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का का प्रावधान किया गया है।
वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है। ऐसे में मोदी ने कारपोरेट जगत से भारतीय मिलेट की ब्रांडिंग करने का आग्रह किया। उन्होंने विदेश स्थित प्रमुख भारतीय मिशन से भारत में पैदा होने वाले मिलेट को लोकप्रिय बनाने के लिए प्रमोशनल गतिविधियां आयोजित करने की भी सलाह दी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट में कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए 7 प्रस्ताव दिए गए हैं। इनमें गंगा के दोनों किनारों पर 5 किलोमीटर की दूरी तक प्राकृतिक खेती शुरू करना, किसानों को टेक्नोलॉजी मुहैया कराना, खाद्य तेलों के आयात पर निर्भरता कम करने के लिए मिशन आयल पाम शुरू करना और कृषि उत्पादों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए पीएम गति शक्ति योजना भी शामिल हैं।
कृषि अपशिष्ट के प्रबंधन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए बजट में कुछ नए उपाय बताए गए हैं। इन उपायों से कार्बन उत्सर्जन कम होगा और किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि कृषि अपशिष्ट का इस्तेमाल पैकेजिंग में करने की संभावना तलाशी जा सकती है। ईंधन में इथेनॉल के मिलाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 2014 में यह सिर्फ एक से दो प्रतिशत था अब यह आठ प्रतिशत हो गया है।