नेफेड को 2021-22 में 139 करोड़ रुपए का मुनाफा, 15% लाभांश देने का फैसला
नेफेड के प्रबंध निदेशक राजबीर सिंह ने एजीएम में बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान नेफेड ने 19,752 करोड़ रुपए का कारोबार किया जिसमें उसे 139 करोड़ का शुद्ध मुनाफा हुआ। उन्होंने बताया कि 2021-22 में नेफेड ने केंद्रीय नोडल एजेंसी के रूप में पीएसएस के तहत किसानों से 7072 करोड़ रुपए के 12.62 लाख टन तिलहन और दाल की खरीद की, जिससे 15 लाख किसानों को फायदा मिला
नेशनल एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NAFED) ने पिछले पांच वर्षों में लगातार मुनाफा कमाया है जिसके चलते उसकी नेटवर्थ पॉजिटिव हो गई है। नेफेड के चेयरमैन डॉ बिजेंद्र सिंह ने 65वीं वार्षिक आम सभा (AGM) को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नेफेड को 2021-22 में 139 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ है। इसके निदेशक मंडल ने सदस्य फेडरेशन और सोसायटी के लिए 15 फीसदी लाभांश के प्रस्ताव पर सहमति दी है।
नेफेड चेयरमैन ने कहा कि 2016-17 के पहले नेफेड की स्थिति अच्छी नहीं थी। कर्मचारियों को सैलरी देने और संचालन करने में परेशानी थी। उस मुश्किल दौर में केंद्र सरकार ने इसके उत्थान और संचालन के लिए कमेटी बनाकर 2500 करोड़ का ऋण दिया। इसके बाद से नेफेड लगातार बेहतर प्रर्दशन कर रहा है। डॉ. सिंह ने सार्वजनिक वितरण सहित विभिन्न कार्य सौंप कर नेफेड पर विश्वास दिखाने के लिए कृषि मंत्रालय का भी आभार जताया।
नेफेड के प्रबंध निदेशक राजबीर सिंह ने एजीएम में बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान नेफेड ने 19,752 करोड़ रुपए का कारोबार किया जिसमें उसे 139 करोड़ का शुद्ध मुनाफा हुआ। उन्होंने बताया कि 2021-22 में नेफेड ने केंद्रीय नोडल एजेंसी के रूप में पीएसएस के तहत किसानों से 7072 करोड़ रुपए के 12.62 लाख टन तिलहन और दाल की खरीद की, जिससे 15 लाख किसानों को फायदा मिला।
एजीएम को संबोधित करते हुए नेफेड के प्रबंध निदेशक, राजबीर सिंह
उन्होंने बताया कि नेफेड ने राज्यों और रक्षा बलों को विभिन्न योजनाओं के तहत 6.05 लाख टन प्रोसेस्ड दालों की आपूर्ति की। पूरे वित्त वर्ष में 11,755 करोड़ की दाल, खाद्य तेल, चीनी, नमक आदि की आपूर्ति की गई। इससे लगभग 20 करोड़ गरीब परिवार लाभान्वित हुए हैं। सरकार के स्तर पर समझौते के तहत बांग्लादेश को करीब 375 करोड़ के 1.25 लाख टन गैर-बासमती चावल का निर्यात किया गया। मानवीय सहायता के तौर पर म्यंमार को 10 हजार टन चावल और 200 टन गेहूं भेजा गया था। उन्होंने बताया कि साल 2021 -22 में नेफेड ने 81 करोड़ मूल्य के बीज का भी व्यवसाय किया है।
उन्होंने बताया कि उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए नेफेड ने एक लाख टन दाल का आयात किया। प्याज के किसानों को बेहतर दाम मिले और उपभोक्तओ के हितों की ऱक्षा हो, उसके लिए महाराष्ट्र, गुजरात औऱ मध्य प्रदेश के किसानों से 440 करोड़ रुपए की 2.14 लाख टन प्याज की खरीद की गई। केंद्रीय नोडल एजेंसी के रूप एमएसपी पर असम, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में धान औऱ गेहूं की 823 करोड़ रुपए की खरीद की गई।
प्रबंध निदेशक ने कहा कि नेफेड के कार्य का विस्तार हो रहा है। कृषि मंत्रालय ने दस हजार एफपीओ गठित करने के लिए इसे राष्ट्रीय कार्यान्वन एजेंसी के तौर पर नियुक्त किया है। पिछले साल नेफेड को 557 एफपीओ का टारगेट दिया गया जिसमें से मार्च तक 421 एफपीओ का गठन कर लिया गया था। अब एफपीओ के टारगेट को नेफेड ने पूरा कर लिया है। कृषि मंत्रालय ने इस बार 500 एफपीओ बनाने का टारगेट दिया है।