मदर डेयरी के टर्नओवर में बढ़ोतरी, एनसीआर से बाहर बिजनेस बढ़ाने पर फोकस
कंपनी दिल्ली-एनसीआर के बाहर के मार्केट्स पर फोकस बढ़ा रही है और इसके साथ ही अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को भी बड़ा कर रही है। जहां इसका डेयरी उत्पादों में वैल्यू एडेड उत्पादों की श्रृंखला बढ़ाने पर जोर है, वहीं यह फल और सब्जियों की प्रोसेसिंग के लिए सफल के दो नये संयंत्र भी स्थापित कर रही है। इनमें से एक गुजरात में और दूसरा दक्षिणी राज्य में होगा।
नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) की सब्सिडियरी मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड ने चालू वित्त वर्ष में नवंबर के अंत तक पिछले साल के मुकाबले अपने टर्नओवर में बेहतर बढ़ोतरी हासिल की है। कंपनी दिल्ली-एनसीआर के बाहर के मार्केट्स पर फोकस बढ़ा रही है और इसके साथ ही अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को भी बड़ा कर रही है। जहां इसका डेयरी उत्पादों में वैल्यू एडेड उत्पादों की श्रृंखला बढ़ाने पर जोर है, वहीं यह फल और सब्जियों की प्रोसेसिंग के लिए सफल के दो नये संयंत्र भी स्थापित कर रही है। इनमें से एक गुजरात में और आम उत्पादक दक्षिणी राज्य में होगा। मदर डेयरी के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष बंदलिश ने रूरल वॉयस के साथ एक विशेष बातचीत में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि गुजरात में आणंद के करीब इटाला में स्थापित होने वाले सफल के संयंत्र में फूड प्रोसेसिंग के प्लांट में आलू की फ्रेंच फ्राइज और फ्लेक्स जैसे उत्पाद बनाये जाएंगे। वहीं सफल का दूसरा नया संयंत्र आम की प्रोसेसिंग के लिए होगा और यह दक्षिणी राज्यों आंध्र प्रदेश या कर्नाटक की आम उत्पादन वाली बेल्ट में होगा। इसके साथ ही मदर डेयरी बटर के विभिन्न वेरियंट का गुजरात में उत्पादन शुरू करेगी। जूनागढ़ स्थित इस संयंत्र में दिसंबर में ही उत्पादन शुरू होने की संभावना है।
उनके मुताबिक डेयरी की दूध की बिक्री करीब 47 से 48 लाख प्रति लीटर प्रतिदिन है जिसमें 36 से 37 लाख लीटर की बिक्री दिल्ली व एनसीआर मार्केट में होती है। मदर डेयरी ने दिल्ली एनसीआर से बाहर राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार में बाजार बढ़ाने पर जोर दिया है। वहीं वैल्यू एडेड उत्पादों की हिस्सेदारी 22 से 23 फीसदी के स्तर से बढ़कर 28 से 30 फीसदी तक पहुंच गई है। वैल्यू ए़डेड उत्पादो में पनीर की बिक्री में करीब 40 फीसदी की ग्रोथ है वहीं प्रो बायोटिक कैटेगरी के चलते तड़का छाछ की बिक्री में करीब 30 फीसदी ग्रोथ चल रही है।
एस सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि आइसक्रीम की बिक्री भी लगातार बढ़ रही है, हालांकि कोको पाउडर की कीमत बढ़ने से चॉकलेट फ्लेववर वाले आइसक्रीम उत्पादों की लागत बढ़ी है। आइसक्रीम की बिक्री में चॉकलेट फ्लेवर की हिस्सेदारी करीब 30 फीसदी तक है। मदर डेयरी के प्रो बॉयोटिक उत्पादों की बिक्री भी तेजी से बढ़ रही है।
मनीष बताते हैं कि मदर डेयरी द्वारा खरीदे जाने वाले कुल दूध में से करीब 97 फीसदी दूध सीधे किसानों से या किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के जरिये ही खरीदते हैं। करीब 15 लाख लीटर दूध उत्तर प्रदेश और करीब 12-15 लाख लाख लीटर दूध राजस्थान से खरीदा जाता है। दूध की खरीद कीमत पर उन्होंने कहा कि कीमतों में स्थिरता है और बहुत उतार-चढ़ाव की स्थिति इस साल नहीं रही है।
पैकेज्ड दूध की बिक्री के बढ़ते ट्रेंड पर उनका कहना है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में खुले दूध से पैकेज्ड दूध खरीदने वाले ग्राहकों की संख्या में 25 फीसदी की दर से बढ़ोतरी हो रही है। बाजार में दूध की आवक पर उनका कहना है कि इस साल फ्लश सीजन लेट है और अगले 15 दिनों में स्थिति साफ होगी कि यह फ्लश सीजन कैसा रहेगा।
एनडीडीबी द्वारा देश के कई राज्यों की मिल्क कोआपरेटिव फेडरेशन के बिजनेस को पटरी पर लाने का जिम्मा मिला है। इनमें झारखंड, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश शामिल हैं। इस बारे में मनीष बताते हैं कि इन राज्यों में वहां की फेडरेशन के ब्रांड को ही बढ़ावा देने की रणनीति पर काम होता है और इसमें कामयाबी भी मिल रही है। इसके साथ ही मदर डेयरी लगातार महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, गुजरात और दूसरे राज्यों में अपने बिजनेस दायरे को बढ़ा रही है।