बारिश की कमी से देश के ज्यादातर जलाशयों में पानी का स्तर 40 फीसदी से कम, रबी की फसलों पर पड़ेगा असर

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के आंकड़ों के मुताबिक, देश के 146 महत्वपूर्ण जलाशयों में से 110 में पानी का स्तर उनकी क्षमता का 40 फीसदी या उससे भी कम है। 146 जलाशयों में 30 जून तक 47.95 अरब क्यूबिक मीटर पानी मौजूद था जो उनकी कुल क्षमता 178.185 अरब क्यूबिक मीटर का सिर्फ 27 फीसदी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण भारतीय राज्यों के जलाशयों में कम पानी होने की वजह से यह स्थिति बनी है।

बारिश की कमी से देश के ज्यादातर जलाशयों में पानी का स्तर 40 फीसदी से कम, रबी की फसलों पर पड़ेगा असर
4 जुलाई तक देशभर में सामान्य से 9 फीसदी कम बारिश हुई है।

जुलाई का पहला हफ्ता बीतने को है लेकिन देश के ज्यादातर हिस्सों में अभी भी मानसून की बारिश सामान्य से कम हुई है। भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के 4 जुलाई तक के आंकड़ों के मुताबिक मानसून की बारिश सामान्य से 9 फीसदी कम हुई है। इसके चलते देश के तीन चौथाई जलाशयों में पानी का स्तर उनकी क्षमता के आधे से भी कम है। इसका असर रबी सीजन में फसलों की सिंचाई और पीने के पानी की उपलब्धता पर पड़ सकता है।

केंद्रीय कृषि एवं किसान मंत्रालय के अधीन आने वाले क्रॉप वेदर वाच ग्रुप (सीवीवीजी) की 3 जुलाई को हुई बैठक में केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) का जो आंकड़ा पेश किया है उसमें बताया गया है कि देश के 146 महत्वपूर्ण जलाशयों में से 110 में पानी का स्तर उनकी क्षमता का 40 फीसदी या उससे भी कम है। इन जलाशयों की निगरानी सीडब्ल्यूसी करती है। रिपोर्ट के मुताबिक, 146 जलाशयों में 30 जून तक 47.95 अरब क्यूबिक मीटर पानी मौजूद था जो उनकी कुल क्षमता 178.185 अरब क्यूबिक मीटर का सिर्फ 27 फीसदी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण भारतीय राज्यों के जलाशयों में कम पानी होने की वजह से यह स्थिति बनी है।

आईएमडी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 4 जुलाई तक दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में सामान्य से 39 फीसदी कम बारिश हुई है। दक्षिणी राज्यों में सबसे खराब स्थिति तेलंगाना की है जहां सामान्य से 53 फीसदी कम बारिश हुई है। इसके बाद केरल और कर्नाटक का नंबर है। केरल में जहां सामान्य से 52 फीसदी कम बारिश हुई है, वहीं दक्षिणी कर्नाटक में 51 फीसदी, उत्तर कर्नाटक में 45 फीसदी और तटीय कर्नाटक में सामान्य से 38 फीसदी कम बारिश हुई है। देश के दूसरे इलाकों की बात करें तो पूर्वी और उत्तर पूर्वी भारत में सामान्य से 16 फीसदी कम और मध्य भारत में सामान्य से 6 फीसदी कम बारिश हुई है। मध्य भारत में महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और विदर्भ की स्थित सबसे खराब है। यहां क्रमशः 64 फीसदी और 56 फीसदी कम बारिश हुई है। देश का उत्तर पश्चिमी इलाका ही ऐसा है जहां इस साल मानसून की बारिश सामान्य से 37 फीसदी ज्यादा हुई है।

मानसून की बारिश की इस स्थिति की वजह से ही देश के जलाशयों में पानी का स्तर कम है। सीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 30 जून तक की अवधि तक जलाशयों में पानी का जो स्तर है वह पिछले साल इसी अवधि के मुकाबले 98 फीसदी है। जबकि पिछले 10 साल के औसत स्तर के मुकाबले 110 फीसदी है। रिपोर्ट के मुताबिक, 81 जलाशयों में पानी का स्तर सामान्य के मुकाबले 80 फीसदी ज्यादा है, जबकि 16 जलाशयों में 30 फीसदी ज्यादा है। 6 जलाशय ऐसे हैं जो सूखे हुए हैं।

 

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