वनस्पति तेलों के आयात में 16 फीसदी की वृद्धि, तेल वर्ष 2022-23 में 167.1 लाख टन पर पहुंचा
खाद्य तेलों पर आयात शुल्क कम होने की वजह से तेल वर्ष (नवंबर-अक्टूबर) 2022-23 में वनस्पित तेलों के आयात में 16 फीसदी की बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।खाद्य तेल उत्पादकों के संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के आंकड़ों के मुताबिक, 31 अक्टूबर को समाप्त हुए पिछले तेल वर्ष 2022-23 में 167.1 लाख टन वनस्पति तेलों का आयात किया गया।
खाद्य तेलों के बढ़ते आयात के चलते घरेलू तिलहन किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें उनकी फसल की वाजिब कीमत नहीं मिल पा रही है। इसकी पुष्टि खाद्य तेलों के आयात के ताजा आंकड़े भी कर रहे हैं। खाद्य तेलों पर आयात शुल्क कम होने की वजह से तेल वर्ष (नवंबर-अक्टूबर) 2022-23 में वनस्पित तेलों के आयात में 16 फीसदी की बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
खाद्य तेल उत्पादकों के संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के आंकड़ों के मुताबिक, 31 अक्टूबर को समाप्त हुए पिछले तेल वर्ष 2022-23 में 167.1 लाख टन वनस्पति तेलों का आयात किया गया। 2021-22 में 144.1 लाख टन वनस्पति तेल का आयात हुआ था। आंकड़ों के मुताबिक, कुल वनस्पति तेलों में से खाद्य तेलों का ही ज्यादातर आयात किया गया। 2022-23 में जहां 164.7 लाख टन खाद्य तेलों का आयात किया गया, वहीं अखाद्य तेलों की मात्रा केवल 2.4 लाख टन रही।
एसईए ने कहा है कि इससे पिछले वर्ष की तुलना में 24.4 लाख टन की यह वृद्धि कच्चे पाम ऑयल, सोयाबीन और सूरजमुखी ऑयल पर मौजूदा कम आयात शुल्क (5.5 फीसदी) की वजह से है।" एसईए ने एक बयान में कहा है कि आरबीडी पामोलिन आयात कुल पाम तेल आयात का 25 फीसदी से अधिक है, जो घरेलू रिफाइनिंग उद्योग को काफी प्रभावित कर रहा है। इसकी वजह से घरेलू रिफाइनर अपनी स्थापित क्षमता से कम का इस्तेमाल कर पा रहे हैं।
पाम तेलों में आरबीडी पामोलिन का आयात 2022-23 के दौरान 18.4 लाख टन से बढ़कर 21.1 लाख टन हो गया, जबकि कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का आयात 54.9 लाख टन से बढ़कर 75.9 लाख टन पर पहुंच गया। कच्चे पाम कर्नेल तेल (सीपीकेओ) का आयात 2022-23 के दौरान बढ़कर 94,148 टन हो गया, जो पिछले तेल वर्ष में 79,740 टन था। कुल आयात में पाम ऑयल की हिस्सेदारी 56 फीसदी से बढ़कर 59 फीसदी हो गई है। तेल वर्ष 2022-23 के दौरान सूरजमुखी तेल का आयात बढ़कर 30 लाख टन पर पहुंच गया, जो पिछले वर्ष 19.4 लाख टन था। वहीं सोयाबीन तेल का आयात घटकर 36.8 लाख टन रह गया जो पिछले वर्ष 41.7 लाख टन था।
एसईए ने कहा है कि कीमतों में देश का खाद्य तेल आयात 2022-23 में 1.38 लाख करोड़ रुपये का रहा, जो 2021-22 के 1.57 लाख करोड़ रुपये से कम है। 2020-21 में 1.17 लाख करोड़ रुपये के खाद्य तेल का देश में आयात किया गया था।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य तेल आयातक है, जो अपनी जरूरत का करीब 65 फीसदी खाद्य तेल आयात करना है। भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल और अर्जेंटीना से सोयाबीन सहित थोड़ी मात्रा में कच्चे नरम तेल का आयात करता है। सूरजमुखी तेल का आयात यूक्रेन और रूस से किया जाता है।