गुजरात चुनावः सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए किसानों को लुभाने में लगी भाजपा
चुनाव प्रचार में भारतीय जनता पार्टी किसानों को यह बताने की कोशिश कर रही है कि उन्हें राज्य और केंद्र सरकार की खेती से जुड़ी योजनाओं का पूरा फायदा मिलेगा। पार्टी नमो किसान पंचायत जैसी योजनाओं के भरोसे आगे बढ़ रही है पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा ने पिछले महीने नमो किसान पंचायत लांच किया था। इसका मकसद सरकारी योजनाओं के बारे में किसानों को जानकारी देना है
कहावत है दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है। गुजरात विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी इस बार किसानों से जुड़े मुद्दों पर अधिक फोकस कर रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में अन्य कारणों के अलावा सौराष्ट्र क्षेत्र में किसानों की दुर्दशा ने पार्टी के प्रदर्शन को काफी प्रभावित किया था। इन्हीं वजहों से पार्टी की सीटें, जो 2012 में 115 थीं, 2017 में घटकर 99 रह गईं। गुजरात विधानसभा में कुल 182 सीटें हैं।
चुनाव प्रचार में भारतीय जनता पार्टी किसानों को यह बताने की कोशिश कर रही है कि उन्हें राज्य और केंद्र सरकार की खेती से जुड़ी योजनाओं का पूरा फायदा मिलेगा। पार्टी नमो किसान पंचायत जैसी योजनाओं के भरोसे आगे बढ़ रही है पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा ने पिछले महीने नमो किसान पंचायत लांच किया था। इसका मकसद सरकारी योजनाओं के बारे में किसानों को जानकारी देना है। श्रमिकों की कमी दूर करने के लिए ड्रोन जैसी टेक्नोलॉजी की खातिर इंसेंटिव और वित्तीय मदद भी इसमें शामिल है।
2017 में जब पार्टी की सीटों की संख्या घटकर 99 रह गई थी, तब इसके कई कारण बताए गए थे। एक कारण तो पाटीदार आंदोलन बताया गया। फिर कहा गया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर भी लोगों में नाराजगी थी। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण कारण किसानों की खराब हालत को माना गया, खासकर सौराष्ट्र के किसानों की।
सौराष्ट्र के किसानों की स्थिति कम बारिश और सूखे की वजह से काफी प्रभावित हुई थी। लगातार दो साल 2016 और 2017 में यह स्थिति रही। कपास और मूंगफली के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य उस समय लागू नहीं किया गया था, इससे भी किसानों में सरकार के प्रति नाराजगी थी।
उन समस्याओं का समाधान तो काफी हद तक हो गया है, लेकिन अनेक इलाकों में पानी और बिजली की किल्लत जैसी समस्याएं अभी बरकरार हैं। कुछ उत्पादों में कम रिटर्न को लेकर भी चिंता है, खास कर नमक के मामले में। इससे सत्तारूढ़ पार्टी का गणित गड़बड़ा सकता है। लंपी स्किन रोग के कारण डेयरी सेक्टर में किसानों को हुए नुकसान ने भी पार्टी की चिंता बढ़ा दी है। अनुमान है कि इस बीमारी से 5800 मवेशियों की जान चली गई।
इस साल की शुरुआत में किसानों ने अपर्याप्त बिजली सप्लाई के खिलाफ प्रदर्शन किया था। कई उत्पादों की अधिक कीमत को लेकर रैली निकाली थी और नमक के लिए भी न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग की थी।
भारतीय जनता पार्टी ने पूरे राज्य में जगह-जगह ऑडियो विजुअल स्क्रीन लगाए हैं, जिनके माध्यम से किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, सॉयल हेल्थ कार्ड और प्रधानमंत्री किसान निधि योजना में हर साल जमा की जाने वाली राशि के बारे में बताया जा रहा है। पार्टी को उम्मीद है कि पीएम गरीब कल्याण अन्य योजना के तहत वितरित किए जा रहे मुफ्त अनाज से उसे चुनाव में मदद मिलेगी।
नमो पंचायत लॉन्च करते हुए पार्टी प्रमुख नड्डा ने किसानों को हर साल 6000 रुपये दिए का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया। पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत यह राशि 11 करोड़ से अधिक किसानों को दी जा रही है। नड्डा ने कहा कि किसानों के लिए बजट 6 गुना बढ़ाया गया है।
विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के चुनावी वादों ने भी भारतीय जनता पार्टी की चिंताओं को बढ़ाया है। आम आदमी पार्टी ने हर महीने 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने का वादा किया है तो कांग्रेस का वादा किसानों के तीन लाख रुपये तक के कर्ज माफ करने का है।
अपनी पार्टी के लिए गुजरात में चुनाव प्रचार करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसानों को मुफ्त बिजली देने, दस लाख नई नौकरियां सृजित करने और 500 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर देने का वादा किया। उन्होंने आम उपभोक्ताओं को हर महीने 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने, प्रदेश में 3000 इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलने और बच्चियों को मुफ्त शिक्षा देने का भी वादा किया।
राहुल गांधी ने यह वादे ऐसे समय किए जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेवड़ी संस्कृति को देश के लिए खतरनाक बताया था। उन्होंने आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल के उस वादे का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये देने का वादा किया था।
अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट पर परिवर्तन संकल्प रैली में कांग्रेस के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने दूध किसानों को 5 रुपये प्रति लीटर सब्सिडी का भी वादा किया।
उन्होंने गुजरात की भाजपा सरकार पर सरदार वल्लभ भाई पटेल की लीगेसी को अपमानित करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल देश के किसानों की आवाज थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जिस तरह छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, पंजाब और कर्नाटक में किसानों के कर्ज माफ किए उसी तरह वह गुजरात में भी उनके कर्ज माफ करेगी।