प्याज की अतिरिक्त 2 लाख टन की होगी खरीद, बफर स्टॉक के लिए सरकार पहली बार खरीदेगी खरीफ की फसल
प्याज किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए केंद्र सरकार ने पहली बार खरीफ के प्याज की सरकारी खरीद करने का फैसला किया है। इसके तहत 2 लाख टन प्याज की खरीद बफर स्टॉक के लिए की जाएगी। नेफेड और एनसीसीएफ यह खरीद करेगी। चालू वित्त वर्ष में अभी तक 5.10 लाख टन प्याज की खरीद बफर स्टॉक के लिए हो चुकी है। यह खरीद अतिरिक्त होगी।
प्याज किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए केंद्र सरकार ने पहली बार खरीफ के प्याज की सरकारी खरीद करने का फैसला किया है। इसके तहत 2 लाख टन प्याज की खरीद बफर स्टॉक के लिए की जाएगी। नेफेड और एनसीसीएफ यह खरीद करेगी। चालू वित्त वर्ष में अभी तक 5.10 लाख टन प्याज की खरीद बफर स्टॉक के लिए हो चुकी है। यह खरीद अतिरिक्त होगी।
प्याज की बढ़ती घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने 8 दिसंबर को प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके खिलाफ महाराष्ट्र के किसान और व्यपारी प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके बाद ही सरकार ने बफर स्टॉक के लिए अतिरिक्त 2 लाख टन प्याज खरीदने का फैसला किया है ताकि प्रतिबंध के कारण कीमतों में भारी गिरावट न हो।
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि निर्यात प्रतिबंध का किसानों पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि सरकारी खरीद जारी है। उन्होंने कहा, ''इस साल अब तक हमने 5.10 लाख टन प्याज की खरीद की है और लगभग 2 लाख टन खरीफ फसल की खरीद की जाएगी।''
आमतौर पर सरकार बफर स्टॉक के लिए रबी प्याज की खरीद करती है क्योंकि इसकी जीवन अवधि (5-6 महीने) ज्यादा होती है। खरीफ के प्याज की जीवन अवधि 2-3 महीने से ज्यादा नहीं होती है। मगर किसानों के हितों की रक्षा करने और खुदरा बाजारों में कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए सरकार पहली बार खरीफ की प्याज खरीदेगी।
सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बफर स्टॉक के लक्ष्य को बढ़ाकर 7 लाख टन कर दिया है, जो पिछले साल 3 लाख टन था। बफर स्टॉक के लिए किसानों से लगभग 5.10 लाख टन प्याज खरीदा गया है, जिसमें से 2.73 लाख टन का निपटान बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत थोक मंडियों में किया गया है। रोहित सिंह के मुताबिक, पिछले 50 दिनों में देशभर के 218 शहरों के खुदरा बाजार में लगभग 20,718 टन प्याज रियायती दरों पर बेचा गया है। खुदरा बिक्री अभी भी जारी है।
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से बाजार में हस्तक्षेप जारी रहेगा क्योंकि इस साल खरीफ के प्याज का उत्पादन मामूली रूप से घटने की संभावना है। इसके अलावा, मौसम के कारण खरीफ की फसल आने में भी देरी हो रही है।
उन्होंने कहा कि बफर स्टॉक के लिए प्याज की खरीद/निपटान से लेकर निर्यात पर हालिया प्रतिबंध जैसे कदमों से कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने में मदद मिली है। प्याज की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत घटकर 56 रुपये प्रति किलो हो गई है, जो पिछले महीने इस समय 59.5 रुपये प्रति किलो थी।