सरकार ने कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट के ‘ऑर्गेनिक कार्बन एनहांसर’ को उर्वरक के रूप में मान्यता दी
यह संशोधन 17 फरवरी 2025 को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत एस.ओ. 897(ई) के माध्यम से अधिसूचित किया गया। इसमें नैनो उर्वरकों और सीबीजी संयंत्रों से प्राप्त ऑर्गेनिक कार्बन एनहांसर को आधिकारिक रूप से उर्वरकों की कानूनी परिभाषा में शामिल किया गया है।

सस्टेनेबल कृषि को बढ़ावा देने के लिए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने 1985 के उर्वरक (अकार्बनिक, कार्बनिक या मिश्रित) (नियंत्रण) आदेश में संशोधन किया है। इसके तहत अब कंप्रेस्ड बायो गैस (CBG) संयंत्रों से निकलने वाले ‘ऑर्गेनिक कार्बन एनहांसर’ को उर्वरकों की मान्यता प्राप्त श्रेणी में शामिल किया गया है। उम्मीद है कि यह संशोधन ऑर्गेनिक उर्वरकों के व्यापक उपयोग को प्रोत्साहित करेगा तथा भारत के कृषि क्षेत्र में सस्टेनेबल विकास को बढ़ावा देगा।
यह संशोधन 17 फरवरी 2025 को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत एस.ओ. 897(ई) के माध्यम से अधिसूचित किया गया। इसमें नैनो उर्वरकों और सीबीजी संयंत्रों से प्राप्त ऑर्गेनिक कार्बन एनहांसर को आधिकारिक रूप से उर्वरकों की कानूनी परिभाषा में शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त, सरकार ने ऑर्गेनिक तरीके से मिट्टी की सेहत बढ़ाने के लिए विशिष्ट नियमों और वर्गीकरण को स्पष्ट करने के मकसद से मौजूदा आदेश में अनुसूची VIII जोड़ी है।
भारत सरकार के राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार, कंप्रेस्ड बायो गैस संयंत्रों से प्राप्त ऑर्गेनिक कार्बन एनहांसर से मतलब उन सभी जैविक सामग्री से है जो किण्वन (फर्मेंटेशन) प्रक्रिया के माध्यम से मुख्य उत्पाद या बाई-प्रोडक्ट के रूप में प्राप्त होती हैं। ये ऑर्गेनिक उर्वरक मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करते हैं और ऑर्गेनिक कार्बन के स्तर को बनाए रखते या बढ़ाते हैं।
भारतीय ग्रीन एनर्जी महासंघ (IFGE) ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा, “फर्मेंटेड ऑर्गेनिक खाद (FOM) और लिक्विड फर्मेंटेड ऑर्गेनिक खाद (LFOM) के व्यापक उपयोग को बढ़ावा देकर, यह पहल जैविक कार्बन स्तर को पुनर्स्थापित कर मिट्टी के स्वास्थ्य को पुनर्जीवित करेगी, उसकी जल धारण क्षमता बढ़ाएगी, फसल उत्पादन में सुधार करेगी और रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करेगी। यह कदम किसानों को दीर्घकालिक कृषि स्थिरता सुनिश्चित करने के साथ-साथ सीबीजी क्षेत्र की वृद्धि को भी गति देगा।”
IFGE के महानिदेशक संजय गंजू ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा, “आईएफजीई सीबीजी प्रोड्यूसर फोरम सरकार के साथ इस महत्वपूर्ण संशोधन को करवाने में सक्रिय रूप से शामिल रहा है। हमें इस सफलता पर खुशी है। यह निर्णय किसानों को सशक्त बनाएगा, सस्टेनेबल मिट्टी प्रबंधन को बढ़ावा देगा और सीबीजी उद्योग को व्यवहार्य बनाएगा।”