मौजूदा सीजन में पंजाब में 187 लाख टन, लेकिन यूपी में सिर्फ 64 लाख टन धान की खरीद
पंजाब में किसानों को 36,623.64 करोड़, छत्तीसगढ़ में 18,034 करोड़, तेलंगाना में 13,763 करोड़, हरियाणा में 10,840 करोड़ और उत्तर प्रदेश में 12,553 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है
केंद्र सरकार ने 2021-22 के मौजूदा मार्केटिंग सीजन में 20 फरवरी तक 695.67 लाख टन धान की खरीद की है। यह खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर हुई है। खाद्य मंत्रालय के अनुसार पंजाब में सबसे अधिक 186.85 लाख टन धान की खरीद हुई है। इसके बाद छत्तीसगढ़ से 92 लाख टन, तेलंगाना से 70.22 लाख टन, हरियाणा से 55.30 लाख टन धान की खरीद हुई है। हालांकि उत्तर प्रदेश में सिर्फ 64 लाख टन धान एमएसपी पर खरीदा गया है।
पूरे देश में अभी तक 94.15 लाख किसानों को 1.36 लाख करोड़ रुपए एमएसपी का भुगतान किया गया है। पंजाब में किसानों को 36,623.64 करोड़, छत्तीसगढ़ में 18,034 करोड़, तेलंगाना में 13,763 करोड़, हरियाणा में 10,840 करोड़ और उत्तर प्रदेश में 12,553 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।
धान का मार्केटिंग सीजन अक्टूबर से सितंबर तक होता है। 2020-21 के मार्केटिंग सीजन में सरकार ने 895.83 लाख टन धान की खरीद की थी। इसके बदले किसानों को 1.69 लाख करोड़ रुपए एमएसपी का भुगतान किया गया था।
कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार फसल वर्ष 2021-22 में खाद्यान्न उत्पादन 1.71 फीसदी बढ़कर 31 करोड़ 60 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। यह 2020-21 के उत्पादन की तुलना में 53.2 लाख टन अधिक है। साल 2021-22 के दौरान उत्पादन पिछले पांच वर्षों (2016-17 से 2020-21) के औसत खाद्यान्न उत्पादन 25 करोड़ 35 लाख टन से अधिक है।
साल 2021-22 के दौरान चावल का कुल उत्पादन रिकॉर्ड 12 करोड़ 7.93 लाख टन होने का अनुमान है। यह पिछले पांच वर्षों में 11 करोड़ 64. 4 लाख टन के औसत उत्पादन से 1 करोड़ 14 लाख टन अधिक है। गेहूं का कुल उत्पादन रिकॉर्ड 11 करोड़ 13.2 लाख टन होने का अनुमान है। यह पिछले पांच वर्षों में 10 करोड़ 30.88 लाख टन के औसत उत्पादन से 74.4 लाख टन अधिक है। मोटे अनाज का उत्पादन 4 करोड़ 98.6 लाख टन होने का अनुमान है, जो औसत उत्पादन से 32. 8 लाख टन अधिक है।