चालू साल में गेहूं का उत्पादन 44.4 लाख टन अधिक रहने और कुल खाद्यान्न उत्पादन 32.35 करोड़ टन रहने का अनुमान
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को 2022-23 के लिए मुख्य फसलों के उत्पादन का दूसरा अग्रिम अनुमान जारी कर दिया। इस दौरान 32.355 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन का अनुमान लगाया गया है। रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 11.218 करोड़ टन रहने का अनुमान कृषि मंत्रालय ने लगाया है। यह पिछले वर्ष के अनुमान की तुलना में 44.40 लाख टन अधिक है। मौसम की मौजूदा स्थिति और खेती रकबा बढ़ने के कारण गेहूं की बेहतर फसल की संभावना है।
गेहूं उत्पादन के मोर्चे पर सरकार के लिए राहत की खबर है। चालू साल 2022-23 में गेहूं का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले 44.40 लाख टन बढ़कर 11.21 करोड़ टन पर पहुंचने का अनुमान है। जबकि कुल खाद्यान्न उत्पादन 32.35 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर पर रहने का अनुमान है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी 2022-23 के लिए मुख्य फसलों के उत्पादन के दूसरे अग्रिम अनुमान में यह जानकारी दी गई है। 2021-22 के चौथे अग्रिम अनुमान में 31.56 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन का अनुमान लगाया गया था। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार खाद्यान्न उत्पादन 80 लाख टन बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। हालांकि, 2022-23 के लिए 32.80 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। फसल वर्ष जुलाई से शुरू होकर जून तक रहता है।
कृषि मंत्रालय की ओर से जारी अग्रिम अनुमान में फसल वर्ष 2022-23 में गेहूं, चावल, मक्का, चना, मूंग, रेपसीड एवं सरसों और गन्ने का रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया है। रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 11.21 करोड़ टन रहने का अनुमान कृषि मंत्रालय ने लगाया है। यह पिछले वर्ष के अनुमान की तुलना में 44.40 लाख टन अधिक है। मौसम की मौजूदा स्थिति और खेती रकबा बढ़ने के कारण गेहूं की बेहतर फसल की संभावना है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, फसल वर्ष 2021-22 में प्रमुख उत्पादक राज्यों में तापमान सामान्य से ज्यादा रहने के कारण गेहूं का उत्पादन घटकर 10 करोड़ 68.4 लाख टन रह गया था, जबकि अनुमान 10.77 करोड़ टन रहने का लगाया गया था। इसकी वजह से गेहूं की घरेलू कीमतें बढ़ने लगी थी। बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए सरकार ने पहले गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था, फिर जनवरी में केंद्रीय पूल से 30 लाख टन गेहूं की खुली बिक्री करने की घोषणा की थी। वर्ष 2020-21 में देश ने रिकॉर्ड 10.95 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन किया था।
दूसरे अग्रिम अनुमानों के मुताबकि, 2022-23 में चावल उत्पादन (खरीफ एवं रबी) 13.08 करोड़ टन रहने का अनुमान है। यह भी एक रिकॉर्ड है। 2021-22 में 12.94 करोड़ टन चावल उत्पादन का अनुमान लगाया गया था। इसी तरह मक्के का भी रिकॉर्ड 3.46 करोड़ टन उत्पादन रहने का अनुमान है। दलहन और तिलहन का भी रिकॉर्ड उत्पादन रहने का सरकार ने अनुमान लगाया है। इस दौरान दलहन फसलों का कुल उत्पादन 2.78 करोड़ टन और तिलहन फसलों का कुल उत्पादन 4 करोड़ टन रहने का अनुमान है। तिलहन फसलों में 20 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले सरसों एवं रेपसीड का उत्पादन इस साल बढ़कर 1.28 करोड़ टन रहना अनुमानित है। बुवाई रकबे में रिकॉर्ड बढ़ोतरी की वजह से इसकी पैदावार में रिकॉर्ड बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया है। इसका बुवाई रकबा इस साल बढ़कर 98 लाख हेक्टेयर से ज्यादा पहुंच गया है।
वर्ष 2022-23 के दौरान देश में गन्ने का उत्पादन रिकॉर्ड 46.88 करोड़ टन अनुमानित है। 2022-23 के दौरान गन्ने का उत्पादन पिछले वर्ष के उत्पादन की तुलना में 2.93 करोड़ टन अधिक है। इनके अलावा दूसरे अग्रिम अनुमान में मोटे अनाज का उत्पादन 5.27 करोड़ टन, जौ उत्पादन 22.04 लाख टन, चना 1.36 करोड़ टन (रिकॉर्ड), मूंग 35.45 लाख टन (रिकॉर्ड), मूंगफली 1 करोड़ टन और सोयाबीन 1.39 करोड़ टन रहना अनुमानित है। कपास का उत्पादन 3.37 करोड़ गांठें (प्रति गांठ 170 किग्रा) तथा पटसन एवं मेस्ता का उत्पादन 100.49 लाख गांठें (प्रति गांठ 180 किग्रा) अनुमानित है।