पहली तिमाही में सिर्फ 2% रही कृषि विकास दर, जीडीपी ग्रोथ भी घट कर 6.7% पर आई
इस साल की पहली तिमाही में कृषि और संबद्ध क्षेत्र की विकास दर सिर्फ 2 प्रतिशत दर्ज हुई है। इसका असर पूरे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर हुआ है, जिसकी वृद्धि दर घट कर 6.7 प्रतिशत पर आ गई है। वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में कृषि विकास दर 3.7 प्रतिशत और जीडीपी विकास दर 8.2 प्रतिशत थी।
इस साल की पहली तिमाही में कृषि और संबद्ध क्षेत्र की विकास दर सिर्फ 2 प्रतिशत दर्ज हुई है। इसका असर पूरे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर हुआ है, जिसकी वृद्धि दर घट कर 6.7 प्रतिशत पर आ गई है। वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में कृषि विकास दर 3.7 प्रतिशत और जीडीपी विकास दर 8.2 प्रतिशत थी।
केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार कृषि और खनन समेत पूरे प्राइमरी सेक्टर की विकास दर पिछले साल की पहली तिमाही के 4.2 प्रतिशत की तुलना में इस वर्ष पहली तिमाही में 2.7 प्रतिशत रही। ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) में प्राइमरी सेक्टर का हिस्सा भी घट कर 18.1 प्रतिशत रह गया है।
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने विकास दर में गिरावट के लिए शहरी खपत कमजोर होने, कंपनियों के नतीजे कमजोर रहने और सरकारी खर्च में कमी को मुख्य वजह बताया है। उनका कहना है कि निजी खपत का ट्रेंड मिश्रित है, लेकिन ग्रामीण खपत बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। निजी खपत पिछले साल सिर्फ चार प्रतिशत बढ़ी थी, इस बार इसके बेहतर रहने की उम्मीद है।
जोशी के अनुसार बेहतर मानसून के कारण कृषि में ग्रोथ बढ़ने के आसार हैं। खाद्य महंगाई भी नीचे आएगी। इसलिए खास तौर से ग्रामीण इलाकों में निजी खपत बढ़ने की उम्मीद है। कृषि विकास दर बढ़ने से लोगों की आय बढ़ेगी, खाद्य महंगाई कम होगी और लोगों की खर्च करने की क्षमता में इजाफा होगा।
क्रिसिल का मानना है कि पिछले साल के विपरीत इस वर्ष ग्रामीण खपत बढ़ने की दर शहरों से अधिक रहेगी। ब्याज दर ऊंची रहने के कारण शहरी खपत प्रभावित होगी। भारतीय रिजर्व बैंक के कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे से भी यह बात साबित होती है।
सांख्यिकी मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पहली तिमाही में कुल जीवीए में कृषि, मवेशी, वन और मत्स्य क्षेत्र की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत और खनन की दो प्रतिशत रही। मैन्युफैक्चरिंग का हिस्सा 14 प्रतिशत, बिजली, गैस, जलापूर्ति आदि का 2 प्रतिशत, कंस्ट्रक्शन का 9 प्रतिशत, ट्रेड, होटल, ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन आदि का 15 प्रतिशत, फाइनेंस, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सर्विसेज का 26 प्रतिशत तथा जन-प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं का 16 प्रतिशत रहा।
पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में कृषि विकास दर सिर्फ 1.4 प्रतिशत थी। उससे पहले 2022-23 में यह 4.7 प्रतिशत रही थी। तिमाही आधार पर देखें तो 2023-24 की पहली तिमाही में कृषि क्षेत्र की ग्रोथ 3.7 प्रतिशत, दूसरी में 1.7 प्रतिशत, तीसरी में 0.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 0.6 प्रतिशत रही थी।