एफसीआई ने 19वें दौर की ई-नीलामी में बेचा 2.87 लाख टन गेहूं
घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए केंद्रीय पूल से खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत 28 जून, 2023 से आटा मिलों, ब्रेड निर्माताओं और छोटे व्यापारियों को गेहूं की बिक्री की जा रही है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) इसके लिए प्रत्येक बुधवार को ई-नीलामी आयोजित करता है। 19वें दौर की ई-नीलामी में 2.87 लाख टन गेहूं की बिक्री की गई।
घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए केंद्रीय पूल से खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत 28 जून, 2023 से आटा मिलों, ब्रेड निर्माताओं और छोटे व्यापारियों को गेहूं की बिक्री की जा रही है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) इसके लिए प्रत्येक बुधवार को ई-नीलामी आयोजित करता है। 19वें दौर की ई-नीलामी में 2.87 लाख टन गेहूं की बिक्री की गई।
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के एक बयान में बताया गया है कि पिछली नीलामी 1 नवंबर को हुई थी। इस ई-नीलामी में बेचे गए गेहूं की मात्रा थोड़ी अधिक रही क्योंकि एफसीआई ने ओएमएसएस के तहत बोली की मात्रा अधिकतम 100 टन से बढ़ाकर 200 रुपये टन कर दी है। इस वजह से ई-नीलामी में हिस्सा लेने वाले बोलीदाताओं की संख्या में वृद्धि देखने को मिली। 2,389 बोलीदाताओं को 2.87 लाख टन गेहूं बेचा गया है।
बयान के मुताबिक, ई-नीलामी में सामान्य गुणवत्ता वाले गेहूं के लिए भारित औसत बिक्री मूल्य 2,291.15 रुपये प्रति क्विंटल रहा, जबकि इसके लिए आरक्षित मूल्य 2,150 रुपये प्रति क्विंटल था। वहीं औसत से कम गुणवत्ता वाले गेहूं का भारित औसत बिक्री मूल्य 2,311.62 रुपये प्रति क्विंटल रहा, जबकि इसके लिए आरक्षित मूल्य 2,125 रुपये प्रति क्विंटल था।
ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री 31 मार्च, 2024 तक जारी रहेगी और तब तक केंद्रीय पूल से करीब 101.5 लाख टन गेहूं खुले बाजार में उतारा जाएगा। जमाखोरी रोकने के लिए ओएमएसएस के तहत बड़े व्यापारियों को गेहूं की ई-नीलामी में शामिल होने के दायरे से बाहर रखा गया है। ई-नीलामी के जरिये जो बोलीदाता गेहूं खरीद रहे हैं सरकार उनकी निगरानी भी कर रही है, ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि वे इसकी जमाखोरी तो नहीं कर रहे। 3 अक्टूबर तक देश भर में लगभग 1,721 ऐसी जांच की गई थी।