मक्का से एथेनॉल बनाने पर जोर, प्रति लीटर 5.79 रुपये के प्रोत्साहन का ऐलान
सरकारी तेल कंपनियों (OMCs) ने मक्का से बने एथेनॉल पर 5.79 रुपये प्रति लीटर के अतिरिक्त प्रोत्साहन का ऐलान किया है। मक्के से उत्पादित एथेनॉल का दाम 66.07 रुपये से बढ़ाकर 71.86 रुपये प्रति लीटर कर दिया है। इससे अनाज आधारित एथेनॉल संयंत्र चलाने वाली कंपनियों को फायदा होगा।
सरकारी तेल कंपनियों (OMCs) ने मक्का से बने एथेनॉल पर 5.79 रुपये प्रति लीटर के अतिरिक्त प्रोत्साहन का ऐलान किया है। मक्के से उत्पादित एथेनॉल का दाम 66.07 रुपये से बढ़ाकर 71.86 रुपये प्रति लीटर कर दिया है। इससे अनाज आधारित एथेनॉल संयंत्र चलाने वाली कंपनियों को फायदा होगा। केंद्र सरकार मक्का से एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देना चाहती है। इसके पीछे मक्का की खेती को बढ़ावा देने के अलावा चीनी उत्पादन में गिरावट की आशंका भी वजह है। पिछले महीने सरकार ने गन्ना जूस से एथेनॉल उत्पादन पर रोक लगा दी थी।
गन्ने जूस के अलावा कंपनियां बी-हैवी मोलासेज और सी-हैवी मोलासेस से भी एथेनॉल बनाती हैं। सी-हैवी मोलेसेज से बनने वाले एथेनॉल की कीमत सबसे कम है। केंद्र सरकार खाद्य सुरक्षा के मद्देनजर चीनी के उत्पादन में गिरावट की स्थिति से बचना चाहती है। इसलिए गन्ना जूस के बजाय शीरे या मक्का से एथेनॉल बनाने पर जोर दिया जा रहा है। सी-हैवी मोलासेस से एथेनॉल बनाने पर सरकारी तेल कंपनियां 6.87 रुपये प्रति लीटर इंसेंटिव देने की घोषणा कर चुकी हैं।
इस्मा के पूर्व डीजी और एथेनॉल इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञ अबिनाश वर्मा ने रूरल वॉयस को बताया कि मक्का से बने एथेनॉल के दाम बढ़ना अच्छी खबर है। इससे मक्का की खरीद को बढ़ावा मिलेगा। लेकिन सिर्फ मक्का से एथेनॉल की मांग पूरी नहीं की जा सकती है। चावल से एथेनॉल उत्पादन को भी बढ़ावा मिलना चाहिए। ऑल इंडिया डिस्टलरीज एसोसिएशन (एआईडीए) ने भी मक्का से उत्पादित एथेनॉल के दाम बढ़ाने के कदम का स्वागत किया है।
केंद्र सरकार मक्का से एथेनॉल उत्पादन को सरकार बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 4 जनवरी को कहा था कि सरकार जल्द ही मक्का के किसानों को एथेनॉल संयंत्रों से जोड़ेगी। किसानों के मक्का उगाने वाले खेत पेट्रोल पैदा करने वाले कुएं बन जाएंगे। अमित शाह का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेट्रोल के साथ 20 एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा है। इसके लिए लाखों टन एथेनॉल की आवश्यकता है। जो किसान मक्का उगाते हैं, उन्हें सीधे एथेनॉल बनाने वाली फैक्ट्रियों से जोड़ देंगे।