केंद्रीय कृषि मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाएगी कांग्रेस, सदन को गुमराह करने का लगाया आरोप

कांग्रेस पार्टी ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने की योजना बनाई है। कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला और दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि चौहान ने एमएसपी, सिंचाई और किसानों के कर्ज माफी से संबंधित गलत जानकारी दी है। कांग्रेस ने केंद्रीय कृषि मंत्री पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया है

केंद्रीय कृषि मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाएगी कांग्रेस, सदन को गुमराह करने का लगाया आरोप

कांग्रेस पार्टी ने मौजूदा संसद सत्र में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव (ब्रीच ऑफ प्रिविलेज) लाने की घोषणा की है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि चौहान ने विभिन्न मुद्दों पर सदन को गुमराह किया है।

सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला और दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय कृषि मंत्री पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा दावा करते हैं कि किसानों को इनपुट लागत पर पचास प्रतिशत मुनाफा (एमएसपी) दिया जाएगा, लेकिन 6 फरवरी 2015 को सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में भाजपा सरकार ने कहा था कि यह संभव नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब यह संभव नहीं है, तो सरकार कैसे यह दावा कर रही है।

सुरजेवाला ने केंद्रीय कृषि मंत्री के उस दावे का भी खंडन किया जिसमें उन्होंने कहा था कि किसानों को एमएसपी की जरूरत नहीं है क्योंकि वे फसलों पर एमएसपी से अधिक मूल्य प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार कहती कुछ है, और करती कुछ और है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने गलत बयानी की है, इस देश के किसान को गुमराह किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रोसिडिंग देखकर केंद्रीय कृषि मंत्री के खिलाफ ब्रीच ऑफ प्रिविलेज लेकर आएगी। 

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने चौहान पर आदतन झूठ बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने चौहान के इस दावे को खारिज किया कि 2003 में जब दिग्विजय सिंह ने पद छोड़ा, तब मध्य प्रदेश में केवल 7 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित थी। वास्तव में, 1997-98 में राज्य में 33 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित थी। सिंह ने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार ने किसानों को कर्जमाफी प्रदान की थी, और कमल नाथ के मुख्यमंत्रित्व काल में 37 लाख किसानों का कर्ज माफ किया गया था।

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