कृषि से संबद्ध क्षेत्रों के लिए बजट आवंटन बढ़ना चाहिएः डेलॉय इंडिया
सरकार को एक राष्ट्रीय स्तर के प्लेटफॉर्म के जरिए मार्केट लिंकेज विकसित करना चाहिए। मध्य प्रदेश का फार्म गेट एप इसका उदाहरण है। इससे किसानों को कीमतों के बारे में लगातार जानकारी मिलेगी, साथ ही कंपनियों को भी उपज खरीदने के लिए एक प्लेटफॉर्म मिलेगा। इससे विभिन्न पक्षों के लिए नए बाजार खुलेंगे
कृषि से जुड़े क्षेत्र फूड प्रोसेसिंग, बागवानी, पशुपालन, ऑर्गेनिक खेती, स्मार्ट प्रोटीन, फूलों की खेती, डेयरी, न्यूट्रास्यूटिकल आदि की मांग बढ़ रही है। इसलिए सरकार को इन क्षेत्रों के लिए बजट आवंटन बढ़ाना चाहिए और मॉनिटरिंग की व्यवस्था बनानी चाहिए। कंसल्टेंसी फर्म डेलॉय इंडिया के पार्टनर आनंद रामनाथन ने फर्म की तरफ से जारी बजट उम्मीदों में यह बात लिखी है।
ईज ऑफ डूइंग पर जोर देते हुए उन्होंने लिखा है कि एक जगह पर हर तरह की मंजूरी मिलने से काम आसान होगा। निवेशकों और उद्यमियों को पूरे देश के स्तर पर अपना बिजनेस बढ़ाने में मदद मिलेगी। कृषि उपज का निर्यात बढ़ाने के लिए सरकार को डॉक्यूमेंटेशन की प्रक्रिया आसान करनी चाहिए तथा अंतरराष्ट्रीय गठबंधन को बढ़ावा देना चाहिए। भारत से आयात करने वाले विकसित देशों की जरूरतों के मुताबिक खाद्य सुरक्षा मानक अपनाए जाएं तो उससे भी कृषि निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी।
बेहतर मार्केट लिंकेज का विकास
रामनाथन के अनुसार, सरकार को एक राष्ट्रीय स्तर के प्लेटफॉर्म के जरिए मार्केट लिंकेज विकसित करना चाहिए। मध्य प्रदेश का फार्म गेट एप इसका उदाहरण है। इससे किसानों को कीमतों के बारे में लगातार जानकारी मिलेगी, साथ ही कंपनियों को भी उपज खरीदने के लिए एक प्लेटफॉर्म मिलेगा। इससे विभिन्न पक्षों के लिए नए बाजार खुलेंगे। एफपीओ को फोकस करते हुए नए बाजार विकसित करने से मांग तो बढ़ेगी ही, किसानों को उनकी उपज की अच्छी कीमत भी मिलेगी।
बेहतर सप्लाई चेन के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो
कृषि से जुड़े नए उभरते क्षेत्रों के लिए सप्लाई चेन और ऑपरेटिंग मॉडल विकसित करने की जरूरत है। एडवांस प्रोसेसिंग स्टोरेज और डिस्ट्रीब्यूशन सुविधाएं विकसित करके प्रोडक्ट की वैल्यू बढ़ाई जा सकती है, नुकसान कम किया जा सकता है और सप्लाई चेन से जुड़े सभी पक्षों की आमदनी बढ़ सकती है। इसलिए सरकार को ये सुविधाएं विकसित करने के लिए इन्सेंटिव देना चाहिए। जैसे, छोटे कोल्ड स्टोरेज का निर्माण। सरकार फूड और मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने में नए उद्यमियों को आर्थिक मदद के साथ प्रशिक्षण, इन्फ्रास्ट्रक्चर और मार्केटिंग में भी मदद कर सकती है। सरकार को सिंचाई, लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउस, साइलो स्टोरेज फैसिलिटी में सुधार के लिए भी निवेश बढ़ाना होगा।
टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट और उन्हें अपनाने को बढ़ावा
कृषि में टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ‘डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन 2021-2025’ लॉन्च किया है। सरकार को ऐसा ईकोसिस्टम डेवलप करना चाहिए जिससे किसानों को डिजिटल सेवाएं मिलने में आसानी हो। यह ईकोसिस्टम सभी राज्यों में किसानों के डेटाबेस के तौर पर काम करेगा। फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (एफपीओ) को मजबूत करने से नई टेक्नोलॉजी अपनाने में मदद मिलेगी। डिजिटल टेक्नोलॉजी अपनाने में सरकारी-निजी साझेदारी भी महत्वपूर्ण है। सरकार संगठित क्षेत्र की कंपनियों को इस सेक्टर के आधुनिकीकरण के लिए इन्सेंटिव दे सकती है। स्टार्टअप को कम ब्याज पर कर्ज तथा अन्य मदद मिले तो नए सॉल्यूशन आ सकते हैं। ये एग्रीटेक स्टार्टअप नए तरह का एग्रीकल्चर ईकोसिस्टम तैयार करने में मददगार होंगे।