बजट 2023: चुनावों से पहले हर तबके को साधने की कोशिश, 7 लाख तक की कमाई पर अब टैक्स नहीं
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव और इस साल नौ प्रमुख राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सभी वर्ग को खुश करने की कोशिश बजट के जरिये की गई है। मध्य वर्ग को खुश करने के लिए इनकम टैक्स छूट की राशि को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये करने की बजट में घोषणा की गई है यानी अब 7 लाख रुपये तक कमाने वालों को इनकम टैक्स नहीं देना होगा। साथ ही बेसिक छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया गया है। लेकिन सरकार ने इस छूट के साथ एक पेंच भी फंसा दिया है।
पिछले एक दशक में पूंजीगत खर्च में सबसे बड़ी बढ़ोतरी की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश कर दिया। मध्य वर्ग को खुश करने के लिए इनकम टैक्स छूट की राशि को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये करने की बजट में घोषणा की गई है यानी अब 7 लाख रुपये तक कमाने वालों को इनकम टैक्स नहीं देना होगा। साथ ही बेसिक छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया गया है। लेकिन सरकार ने इस छूट के साथ एक पेंच भी फंसा दिया है। इस छूट का हर कोई फायदा नहीं उठा सकता है। यह बदलाव सिर्फ नई टैक्स व्यवस्था में किया गया है। इसका मतलब है कि जो लोग अब नई टैक्स व्यवस्था को चुनेंगे उन्हीं को यह लाभ मिलेगा। जो लोग पुरानी टैक्स व्यवस्था के अनुसार टैक्स भरते आ रहे हैं उन्हें 7 लाख तक की आयकर छूट का फायदा नहीं मिलेगा।
बजट में अमीरों पर लगने वाले सरचार्ज को भी घटाकर 25 फीसदी कर दिया गया है। वहीं पीएम आवास योजना के आवंटन में बढ़ोतरी कर और जेल में बंद गरीब कैदियों की आर्थिक मदद की घोषणा के जरिये गरीबों को खुश करने की कोशिश की गई है। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों, वरिष्ठ नागरिकों और पेंशनर्स को भी बड़ी राहत दी गई है। एक तरह से कहें तो अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव और इस साल नौ प्रमुख राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सभी वर्ग को खुश करने की कोशिश बजट के जरिये की गई है। नरेंद्र मोदी सरकार पर चुनावों से पहले नौकरियां पैदा करने का भारी दबाव है। कोविड-19 महामारी के बाद से लोगों को रोजगार पाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। यही वजह है कि पूंजीगत खर्च में 10 लाख करोड़ रुपये यानी 33 फीसदी की बड़ी वृद्धि करने की घोषणा वित्त मंत्री ने की है। यह जीडीपी का 3.3 फीसदी है। पूंजीगत खर्च बढ़ने से इंडस्ट्री को भी फायदा होगा। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इससे वित्तीय अनुशासन को बनाए रखते हुए रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी। राजकोषीय घाटे में भी अगले साल कमी आएगी।
इनकम टैक्स छूट
वित्त मंत्री ने एक तरफ पूंजीगत खर्च बढ़ाकर रोजगार के अवसर बढ़ाने की कोशिश की है तो दूसरी ओर महंगाई से त्रस्त आम लोगों को इनकम टैक्स छूट देकर राहत देने की कोशिश की है। यह पहली बार है जब इसमें 2 लाख रुपये की एकमुश्त बढ़ोतरी की गई है। इसके अलावा इनकम टैक्स के स्लैब को भी 6 से घटाकर 5 कर दिया है। यह नए टैक्स सिस्टम के लिए किया गया है। नए टैक्स सिस्टम में अब 3 लाख रुपये तक की आमदनी पर टैक्स की दर शून्य होगी। 3-6 लाख तक की आमदनी 5 फीसदी और 6-9 लाख रुपये तक की आय 10 फीसदी टैक्स के दायरे में आएगी। जबकि 9-12 लाख रुपये की आय पर 15 फीसदी और 12-15 लाख रुपये पर 20 फीसदी टैक्स देना होगा। 15 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी 30 फीसदी टैक्स के दायरे में आएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि डायरेक्ट (इनकम टैक्स) और इनडायरेक्ट टैक्स में बदलाव से सरकारी खजाने पर सालाना 38 हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। डायरेक्ट टैक्स में 37,000 करोड़ रुपये और इनडायरेक्ट टैक्स में 1,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा लेकिन 3,000 करोड़ रुपये का राजस्व अतिरिक्त रूप से जुटाया जाएगा। इस तरह, कुल बोझ 35,000 करोड़ रुपये का पड़ेगा।
पीएम आवास योजना को ज्यादा राशि
गरीबों को स्थायी आशियाना देने के लिए पीएम आवास योजना के बजट में बड़ा इजाफा किया गया है। वित्त मंत्री ने इसके लिए आवंटन को 66 प्रतिशत बढ़ाकर 79,000 करोड़ रुपये कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्यों और शहरों को शहरी नियोजन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
मुफ्त खाद्यान योजना की अवधि बढ़ी
निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 2 लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। गरीबों के लिए मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कहा कि हमारा आर्थिक एजेंडा लोगों के लिए अवसरों को सुविधाजनक बनाने, विकास और रोजगार सृजन को तेज गति प्रदान करने और व्यापक आर्थिक स्थिरता को मजबूत करने पर केंद्रित है।
आदिवासियों के लिए नई योजना
इस बार के बजट में आदिवासी समुदाय को महत्वपूर्ण जगह दी है। वित्त मंत्री ने 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से आदिवासी समुदाय के लिए नई योजना शुरू करने का ऐलान किया। कमजोर आदिवासी समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पीएम-पीवीटीजी विकास मिशन शुरू किया जा रहा है। इस योजना के तहत पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को स्थायी आजीविका, सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता, स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, सड़क और दूरसंचार संपर्क जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
महिला सम्मान बचत पत्र
वित्त मंत्री ने महिलाओं के लिए एक खास योजना की शुरुआत करने की घोषणआ की है। ‘महिला सम्मान बचत प्रमाण-पत्र’ नामक इस योजना में दो साल के लिए 7.5 फीसदी की निश्चित दर से जमा राशि पर ब्याज मिलेगा। इसके तहत किसी महिला या लड़की के नाम पर बचत पत्र में निवेश किया जा सकता है। इसके तहत अधिकतम जमा राशि दो लाख रुपये रखी गई है। इस योजना में आंशिक निकासी की सुविधा भी होगी।
सौ साल का ब्लूप्रिंट
अर्थव्यवस्था की स्थिति बेहतर बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है। सुधारों और बेहतर नीतियों पर हमारा ध्यान है जिसने मुश्किल समय में हमारी मदद की। हमारी बढ़ती ग्लोबल प्रोफाइल कई उपलब्धियों के कारण है। उन्होंने कहा, "कोविड महामारी के बाद और वैश्विक मंदी के बीच यह पहला सामान्य बजट होगा। बजट की प्राथमिकता मध्यम अवधि में ऊंची लेकिन स्थिर विकास दर बनाए रखने की है। साथ ही जीडीपी के मुकाबले राजकोषीय घाटे में उपयुक्त कमी लाने की कोशिश जारी रहेगी।" सीतारमण ने कहा कि चालू वर्ष में आर्थिक वृद्धि 7 फीसदी रहने का अनुमान है। इसे अमृत काल का पहला बजट बताते हुए उन्होंने कहा कि अमृत काल के दृष्टिकोण में मजबूत पब्लिक फाइनेंस और मजबूत वित्तीय क्षेत्र के साथ प्रौद्योगिकी संचालित और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था शामिल है। पिछले बजट में रखी गई नींव और देश के 100 साल के ब्लूप्रिंट पर इस बजट के उतरने की उम्मीद है।
रेलवे को 2.4 लाख करोड़
बजट में रेलवे के लिए आवंटन में भारी बढ़ोतरी की गई है। रेलवे के लिये पूंजीगत खर्च को बढ़ा कर 2.40 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है जो अब तक का सर्वाधिक है। वित्त मंत्री ने कहा कि रेलवे को 2013-14 में जो राशि आवंटित की गई थी, मौजूदा राशि उससे नौगुना अधिक है। उन्होंने कहा कि रेल में सफर करने वाले यात्रियों की बढ़ती उम्मीदों के साथ रेलवे राजधानी, शताब्दी, दुरंतो, हमसफर और तेजस जैसी प्रमुख ट्रेनों के 1,000 से अधिक कोचों के नवीनीकरण की योजना बना रहा है। इन कोचों के अंतरिक हिस्सों को अत्याधुनिक बनाया जाएगा और यात्रियों के आराम के हिसाब से इसमें सुधार किया जाएगा।
क्या हुआ सस्ता
मोबाइल, इलेक्ट्रिक गाड़ियां, साइकिल, खिलौने, एलईडी टीवी, कपड़े, हीरे के आभूषण, मोबाइल कैमरा लैंस।
क्या हुआ महंगा
सिगरेट, सोना, छाता, शराब, हीरा, एक्सरे मशीन और आयातित चांदी के सामान।