क्या एग्री स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं आप? नाबार्ड देगा फंडिंग, जानें क्या है पूरी योजना
केंद्र सरकार स्टार्टअप और ग्रामीण उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए 750 करोड़ रुपये का फंड शुरू करने जा रही है। इस कोष का उद्देश्य कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के स्टार्टअप और ग्रामीण उद्यमों को बढ़ावा देना है।
अगर आप कृषि से जुड़ा कोई स्टार्टअप शुरू करने का प्लान बना रहे हैं, तो इसमें नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) आपकी मदद कर सकता है। नाबार्ड जल्द ही 'एग्रीफंड फॉर स्टार्टअप एंड रूरल एंटरप्राइज' यानी एग्रीश्योर फंड शुरू करने जा रहा है। इससे उन लोगों को फायदा होगा, जो कृषि के क्षेत्र में कुछ नया तो करना चाहते हैं लेकिन फंड की कमी के चलते कर नहीं पाते। इस फंड के जरिए तहत 80 एग्री स्टार्टअप को 25-25 करोड़ रुपये तक की सहायता दी जाएगी।
केंद्र सरकार ने स्टार्टअप और ग्रामीण उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए 750 करोड़ रुपये का फंड शुरू करने की योजना बनाई है। नाबार्ड और कृषि मंत्रालय इस कोष में 250-250 करोड़ रुपये का योगदान करेंगे जबकि बाकी राशि अन्य संस्थानों से जुटाई जाएगी। इस फंड के जरिए कृषि में इनोवेशन, कृषि उपज मूल्य श्रृंखला को बढ़ाने, ग्रामीण बुनियादी ढांचे का निर्माण, रोजगार सृजन और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को मदद दी जाएगी। यह फंड किसानों के लिए आईटी-आधारित समाधान और सेवाओं को भी प्रोत्साहन देगा।
एग्रीश्योर का फंड मैनेजर नेबवेंचर्स होगी जो नाबार्ड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। यह फंड 10 साल के लिए के लिए बनाया गया है, जिसे दो या अधिक वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है।
एग्रीश्योर के जरिए स्टार्टअप और उद्यमों को अनुदान, इक्विटी समर्थन और ऋण सहित वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। यह फंड मुख्य रूप से प्रारंभिक चरण के स्टार्टअप्स और उद्यमों के लिए है। जिससे उन्हें कारोबार को बढ़ाने, इनोवेशन और टिकाऊ खेती के समाधान पेश करने में मदद मिलेगी। कृषि मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि यह पहल उत्पादकता में सुधार करने, किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के समग्र विकास में योगदान देगी।
नाबार्ड मुख्यालय मुंबई में बीते दिनों इस योजना की प्री-लॉन्च स्टेकहोल्डर मीट आयोजित हुई थी। नाबार्ड ने एग्रीश्योर ग्रीनथॉन 2024 भी लॉन्च किया है। हैकथॉन का उद्देश्य तीन प्रमुख समस्या-समाधानों को सामने लाना है। ये थीम हैं: स्मार्ट कृषि, एग्री वेस्ट को मुनाफे में बदलना तथा रिजनरेटिव एग्रीकल्चर के लिए तकनीकी समाधान।