डेयरी प्रौद्योगिकी में जीरो वेस्ट मैनेजमेंट के लिए बीएल कामधेनु और स्वीडन की डेलावल के बीच एमओयू
बीएल एग्रो ग्रुप की सहायक कंपनी, बीएल कामधेनु फार्म्स लिमिटेड ने शुक्रवार को स्वीडन की कंपनी डेलावल के साथ एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान स्वीडन के राजदूत, जान थेस्लेफ भी वहां मौजूद थे। यह साझेदारी मवेशी प्रजनन और डेयरी प्रौद्योगिकी में शून्य-अपशिष्ट अर्थव्यवस्था और दीर्घकालिक पर्यावरण अनुकूलता को बढ़ावा देने के लिए है। इसके लिए 1500 करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है।
बीएल एग्रो ग्रुप की सहायक कंपनी, बीएल कामधेनु फार्म्स लिमिटेड ने शुक्रवार को स्वीडन की कंपनी डेलावल के साथ एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान स्वीडन के राजदूत, जान थेस्लेफ भी वहां मौजूद थे। यह साझेदारी मवेशी प्रजनन और डेयरी प्रौद्योगिकी में शून्य-अपशिष्ट अर्थव्यवस्था और दीर्घकालिक पर्यावरण अनुकूलता को बढ़ावा देने के लिए है। इसके लिए 1500 करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है। दोनों कंपनियां दूध उत्पादन, खेत प्रबंधन और अपशिष्ट प्रबंधन को एकीकृत करते हुए बेहतर पर्यावरण सुनिश्चित करने के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग करेंगी।
इस अवसर पर बीएल कामधेनु फार्म्स के निदेशक नवनीत रविकर ने कहा, “डेलावल के साथ यह साझेदारी एक महत्वपूर्ण क्षण है। श्वेत क्रांति को नया रूप देने और बदलने के हमारे प्रयासों में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इस सहयोग के माध्यम से हम पूरी तरह से एकीकृत और पर्यावरण अनुकूल दूध मूल्य श्रृंखला बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम शून्य अपशिष्ट सुनिश्चित करके ही किसानों और पर्यावरण दोनों के लिए इसे दीर्घकालिक रूप से लाभदायक बना सकते हैं।”
स्वीडन के राजदूत महामहिम जान थेस्लेफ ने साझेदारी पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “स्वीडन को पर्यावरण अनुकूल कृषि और डेयरी नवाचार की दिशा में भारत की यात्रा का हिस्सा बनने पर गर्व है। यह एमओयू नवाचार, स्थिरता और आर्थिक वृद्धि के हमारे साझा मूल्यों को दर्शाता है। हमारा मानना है कि बीएल कामधेनु फ़ार्म्स और डेलावल के बीच सहयोग दुनिया को दिखाएगा कि सीमाओं के पार साझेदारी सभी के लिए क्या कर सकती है।”
डेलावल डेयरी फार्मिंग तकनीक में दुनिया की एक अग्रणी कंपनी है। यह उत्पादन और जानवरों की देखभाल को बेहतर बनाते हुए पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए काम करती है। यह ऐसी तकनीक और समाधान लाती है जो दूध की गुणवत्ता, उत्पादन की मात्रा और डेयरी किसानों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाती है। इसका दावा है कि यह साझेदारी भारत की डेयरी इंडस्ट्री को मजबूत करेगी और देश के स्थिरता लक्ष्यों में मदद करेगी।