पांच साल में 20 फीसदी से ज्यादा बढ़ा दूध व मीट उत्पादन, अंडा उत्पादन में भी वृद्धि
भारत के डेयरी क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता वर्ष 2022-23 में 459 ग्राम तक पहुंच गई है जबकि वर्ष 1950 में यह 130 ग्राम और वर्ष 2013-14 में 303 ग्राम थी।
पिछले पांच वर्षों के दौरान देश के दुग्ध और मीट उत्पाद में 20 फीसदी से अधिक बढ़ोतरी हुई है। अंडे के उत्पादन में तो 33 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है जबकि ऊन उत्पादन करीब 17 फीसदी गिरा है। केंद्रीय पशुपालन मंत्री परषोत्तम रूपाला ने राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के मौके पर गुवाहाटी में आयोजित कार्यक्रम में आधारित बुनियादी पशुपालन आंकड़े 2023 (दूध, अंडा, मांस और ऊन उत्पादन) जारी किए। देश में दुग्ध, अंडा, मांस और ऊन के उत्पादन का अनुमान वार्षिक एकीकृत नमूना सर्वेक्षण (आईएसएस) के नतीजों के आधार पर लगाया जाता है।
इन आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022-23 के दौरान देश में कुल दुग्ध उत्पादन 23.06 करोड़ टन अनुमानित है, जिसमें पिछले 5 वर्षों में 22.81 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। वर्ष 2022-23 के दौरान दुग्ध उत्पादन गत वर्ष की तुलना में 3.83 प्रतिशत बढ़ गया है। दुग्ध उत्पादन में वृद्धि की दर वर्ष 2018-19 में 6.47 प्रतिशत, वर्ष 2019-20 में 5.69 प्रतिशत; वर्ष 2020-21 में 5.81 प्रतिशत और वर्ष 2021-22 में 5.77 प्रतिशत थी। इस लिहाज से देखें तो दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी तो हुई है लेकिन वार्षिक वृद्धि में गिरावट आई है। दुग्ध उत्पादन में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। देश के कुल दुग्ध उत्पादन में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 15.72 प्रतिशत है। इसके बाद राजस्थान (14.44 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (8.73 प्रतिशत), गुजरात (7.49 प्रतिशत) और आंध्र प्रदेश (6.70 प्रतिशत) का स्थान था। दुग्ध उत्पादन में सालान वृद्धि दर के मामले में कर्नाटक (8.76 प्रतिशत) पहले, पश्चिम बंगाल (8.65 प्रतिशत) दूसरे और उत्तर प्रदेश (6.99 प्रतिशत) तीसरे स्थान पर है।
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने कहा कि भारत के डेयरी क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता वर्ष 2022-23 में 459 ग्राम तक पहुंच गई है जबकि वर्ष 1950 में यह 130 ग्राम और वर्ष 2013-14 में 303 ग्राम थी। 9 साल की इतनी कम समय अवधि में यह शानदार वृद्धि किसी चमत्कार से कम नहीं है, खासकर विशाल जनसंख्या को देखते हुए। प्रधानमंत्री ने डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
वर्ष 2022-23 के दौरान देश में मीट उत्पादन 97.7 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है, जिसमें पांच वर्षों में 20.39 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। मीट उत्पादन में सालाना आधार पर वर्ष 2022-23 में 5.13 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वर्ष 2018-19 में मीट उत्पादन की वार्षिक वृद्धि दर 5.99 प्रतिशत, वर्ष 2019-20 में 5.98 प्रतिशत; वर्ष 2020-21 में 2.30 प्रतिशत और वर्ष 2021-22 में 5.62 प्रतिशत थी। मीट उत्पादन में भी उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। देश के कुल मीट उत्पादन में उत्तर प्रदेश 12.20 प्रतिशत का योगदान करता है। इसके बाद पश्चिम बंगाल (11.93 प्रतिशत), महाराष्ट्र (11.50 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (11.20 प्रतिशत) और तेलंगाना (11.06 प्रतिशत) का स्थान है।
देश में अंडा उत्पादन वर्ष 2022-23 में 13.8 करोड़ होने का अनुमान है जो पांच साल पहले की तुलना में 33.31 प्रतिशत अधिक है। सालाना आधार पर वर्ष 2022-23 के दौरान अंडा उत्पादन में 6.77 प्रतिशत, वर्ष 2018-19 में 9.02 प्रतिशत; वर्ष 2019-20 में 10.19 प्रतिशत; वर्ष 2020-21 में 6.70 प्रतिशत और वर्ष 2021-22 में 6.19 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। देश के कुल अंडा उत्पादन में सर्वाधिक योगदान आंध्र प्रदेश का रहा है, जिसकी हिस्सेदारी कुल अंडा उत्पादन में 20.13 प्रतिशत है। इसके बाद तमिलनाडु (15.58 प्रतिशत), तेलंगाना (12.77 प्रतिशत), पश्चिम बंगाल (9.94 प्रतिशत) और कर्नाटक (6.51 प्रतिशत) का स्थान है।
देश का ऊन उत्पादन पांच साल में 16.84 फीसदी की गिरावट के साथ 3.36 करोड़ किलोग्राम रहने का अनुमान है। हालांकि, सालाना आधार पर वर्ष 2022-23 में ऊन उत्पादन 2.12 प्रतिशत बढ़ गया है। जबकि वर्ष 2018-19 में ऊन उत्पादन की वार्षिक वृद्धि -2.51 प्रतिशत; वर्ष 2019-20 में -9.05 प्रतिशत, वर्ष 2020-21 में -0.46 प्रतिशत और वर्ष 2021-22 में -10.87 प्रतिशत रही थी। लगातार गिरावट के बाद ऊन उत्पादन में इस साल सुधार के संकेत मिले हैं। देश के कुल ऊन उत्पादन में सर्वाधिक 47.98 प्रतिशत हिस्सेदारी राजस्थान की है। उसके बाद जम्मू-कश्मीर (22.55 प्रतिशत), गुजरात (6.01 प्रतिशत), महाराष्ट्र (4.73 प्रतिशत) और हिमाचल प्रदेश (4.27 प्रतिशत) का स्थान है।