प्रमुख चुनावी खबरें: पीएम मोदी के बयान पर घमासान, चुनाव आयोग पहुंची कांग्रेस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी भाषणों ने देश का सियासी माहौल गरमा दिया है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा रविवार को राजस्थान में दिए गए विवादास्पद भाषण को लेकर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि आचार संहिता के स्पष्ट उल्लंघन के लिए प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाए।
सोमवार को चुनाव आयोग से मुलाकात के उपरांत पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस नेता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी और गुरदीप सिंह सप्पल ने बताया कि उन्होंने कुल 17 शिकायतें की हैं। सिंघवी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने राजस्थान में जिस तरह एक समुदाय के लिए वक्तव्य दिया, चुनाव आयोग को इस पर सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। इस बयान से देश के संविधान, प्रधानमंत्री पद, चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा हो गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को राजस्थान में एक चुनावी रैली में आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने अपने घोषणा-पत्र में कहा है कि अगर कांग्रेस की सरकार बनेगी तो हरेक की प्रॉपर्टी का सर्वे किया जाएगा और महिलाओं का सोना व अन्य संपत्ति सबको बांट दी जाएगी। पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के 18 साल पुराने उस विवादित बयान का हवाला भी दिया जिसमें कथित तौर पर देश के संसाधनों पर ‘पहला हक’ अल्पसंख्यक समुदाय का होने की बात कही थी।
अलीगढ़ की जनता इंडी गठबंधन पर ताला लगाएगी: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में चुनावी जनसभा को संबोधित किया। कांग्रेस और सपा पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इन पार्टियों ने हमेशा तुष्टिकरण की राजनीति की और मुसलमानों के राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक उत्थान के लिए कभी कुछ नहीं किया। प्रधानमंत्री मोदी ने आरोप लगाया कि अब इंडी गठबंधन की नजर कानून बदलकर, हमारी माताओं-बहनों की संपत्ति छीनने पर है। इनकी नजर अब उनके मंगलसूत्र पर है। ये माओवादी और कम्युनिस्टों की सोच है, ऐसा करके वो कितने ही देशों को पहले बर्बाद कर चुके हैं। अब यही नीति, कांग्रेस और इंडी अलायंस भारत में लागू करना चाहते हैं।कांग्रेस पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली बार जब मैं अलीगढ़ आया था, तब मैंने आप सबसे अनुरोध किया था कि सपा और कांग्रेस के परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की फैक्ट्री में ताला लगा दीजिए। आपने ऐसा मजबूत ताला लगाया कि दोनों शहजादों को आज तक इसकी चाबी नहीं मिली है। अच्छे भविष्य, विकसित भारत की चाबी भी आपके ही पास है।
सूरत में बिना मतदान खुल गया बीजेपी का खाता
सूरत से कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुम्भाणी का नामांकन पत्र खारिज हो गया। जबकि बाकी उम्मीदवारों ने अपना पर्चा वापस ले लिया। चुनाव अधिकारी ने भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया है। कांग्रेस ने इस मामले की शिकायत भी चुनाव आयोग से की है।
सूरत चुनाव को स्थगित करने की मांग उठाते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सूरत में चुनाव के पहले कांग्रेस उम्मीदवार के चार प्रस्तावक बोलते हैं कि हस्ताक्षर हमारे नहीं हैं। सबसे बड़ी बात है कि भाजपा के अलावा जितने भी विपक्ष के उम्मीदवार हैं, सब नामांकन वापस ले लेते हैं। ऐसे में सूरत के चुनाव को स्थगित करना चाहिए।
सूरत लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार मुकेश दलाल ने निर्विरोध चुने जाने के बाद अपना विजयी प्रमाण-पत्र भी प्राप्त कर लिया। कांग्रेस उम्मीदवार का फॉर्म रिटर्निंग ऑफिसर ने खारिज कर दिया था, जबकि अन्य आठ उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया। सोमवार को नामांकन फॉर्म वापस लेने के आखिरी दिन कम से कम 8 उम्मीदवारों ने अपना पर्चा वापस ले लिया। इनमें ज्यादातर निर्दलीय थे। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी के प्यारेलाल भारती ने भी अपना नाम वापस ले लिया। सूरत से कांग्रेस के वैकल्पिक उम्मीदवार सुरेश पडसाला का नामांकन फॉर्म भी अमान्य कर दिया गया था।