आरबीआई ने नहीं घटाई ब्याज दर, लेकिन सीआरआर में कटौती

आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आर्थिक विकास पूर्वानुमान को 7.2% से घटाकर 6.6% कर दिया। साथ ही, चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान को 4.5% से बढ़ाकर 4.8% किया है।

आरबीआई ने नहीं घटाई ब्याज दर, लेकिन सीआरआर में कटौती

भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बार फिर प्रमुख ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया। शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार 11वीं रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखा। हालांकि, धीमी आर्थिक वृद्धि को देखते हुए नकद आरक्षित अनुपात (CRR) को आधा फीसदी घटाकर 4% कर दिया, जिससे बैंकिंग प्रणाली में 1.16 रुपये लाख करोड़ की तरलता आएगी। सीआरआर में चार साल बाद कटौती की गई है।

जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ घटकर 5.4% रह गई थी जो सात तिमाहियों में सबसे कम है, जबकि अक्टूबर में खुदरा महंगाई बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21% पर पहुंच गई थी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इस वक्त यथास्थिति बनाए रखना उचित और आवश्यक है। हालांकि, अगर धीमी ग्रोथ जारी रहती है तो नीतिगत समर्थन की आवश्यक पड़ सकती है। उन्होंने विश्वास जताया कि आर्थिक वृद्धि और महंगाई के मोर्चे पर हाल के उतार-चढ़ाव के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था सतत और संतुलित रास्ते पर है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मूल्य स्थिरता लोगों के लिए महत्वपूर्ण बताया क्योंकि यह उनकी क्रय शक्ति को प्रभावित करती है। उन्होंने तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) तक खाद्य महंगाई का दबाव बने रहने की उम्मीद जताई। चौथी तिमाही से सब्जियों की कीमतों में सुधार, खरीफ की नई फसल आने, रबी के अच्छे उत्पादन और पर्याप्त अनाज भंडार के कारण महंगाई में कमी आने की संभावना है। 

आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आर्थिक विकास पूर्वानुमान को 7.2% से घटाकर 6.6% कर दिया। साथ ही, चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान को 4.5% से बढ़ाकर 4.8% किया है। यह महंगाई को चार फीसदी के अंदर रखने के आरबीआई के लक्ष्य अधिक है। रिजर्व बैंक गवर्नर ने उम्मीद जताई कि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में वृद्धि अप्रैल-सितंबर अवधि की तुलना में काफी बेहतर होगी

छोटे और सीमांत किसानों के लिए कोलेट्रल-फ्री एग्रीकल्चर लोन की लिमिट को आरबीआई ने 1.6 लाख से बढ़ाकर 2 लाख रुपये करने का ऐलान किया है। इससे छोटे किसानों को अधिक कृषि कार्यों के लिए अधिक कर्ज मिल सकेगा। इसके अलावा, छोटे वित्त बैंकों को यूपीआई के जरिए से पूर्व-स्वीकृत क्रेडिट लाइन के विस्तार की अनुमति दी गई है।

रुपये में गिरावट का मुकाबला करने के लिए आरबीआई ने अनिवासी भारतीयों (NRI) की विदेशी मुद्रा जमा पर ब्याज दर की सीमा बढ़ाने की घोषणा की है। इसका उद्देश्य अतिरिक्त पूंजी को आकर्षित करना तथा रुपये को स्थिरता प्रदान करना है। आरबीआई ने वित्तीय क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जिम्मेदारी और नैतिकता के साथ उपयोग का फ्रेमवर्क सुझाने के लिए विशेषज्ञों की समिति के गठन की घोषणा भी की।

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