दिल्ली में रिकॉर्ड बारिश से मानसून का आगाज, अगले चार-पांच दिन कई राज्यों में बारिश
अगले 4-5 दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। अगले 2-4 दिनों में मध्य और पूर्वी भारत में और अगले 5 दिनों के दौरान पूर्वोत्तर भारत में भी भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान जताया गया है।
भीषण गर्मी और हीटवेव के बाद दिल्ली में भारी बारिश के साथ मानसून ने दस्तक दी है। दिल्ली में बारिश ने 88 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार सुबह 8.30 बजे से शुक्रवार सुबह 8.30 बजे के बीच में दिल्ली के सफदरजंग में 228 मिमी बारिश हुई है। यह 1936 के बाद जून महीने में 24 घंटे में हुई सबसे ज्यादा बारिश है।
भारी बारिश में राजधानी नई दिल्ली की सड़कों पर पानी भर गया और लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 की छत गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गये। शहर के कई इलाकों और घरों में पानी भरने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। मानसून की पहली बारिश में ही जलभराव से दिल्ली और एनसीआर के इलाकों का बुरा हाल है। इससे सरकार और नगर निगम की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
दिल्ली में पूरे महीने की औसत बारिश से तीन गुना बारिश एक दिन में होना एक्ट्रीम वेदर की एक और घटना है। दिल्ली में जून में औसतन 74.3 मिमी बारिश होती है जबकि 24 घंटे में दिल्ली के कई इलाकों 150 मिमी. से 228 मिमी. तक बारिश दर्ज की गई। दिल्ली में कुल मानसून वर्षा (800 मिमी) का करीब एक चौथाई सिर्फ 24 घंटों में हुई।
संसद का मानसून सत्र होने के कारण देश के अधिकांश सांसद दिल्ली में है। कई सांसदों ने दिल्ली में बाढ़ जैसे हालात के फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं।
Now on my way to the airport to fly to my constituency for the weekend as usual. This was our usual route, which we avoided today!! pic.twitter.com/2XpdRfSBdK
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) June 28, 2024
कहां-कहां पहुंचा मानसून
मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ और भागों; मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार के शेष भागों; पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ भागों तथा उत्तराखंड के शेष भागों में आगे बढ़ गया है। अगले 2-3 दिनों के दौरान पश्चिमी राजस्थान के कुछ और हिस्सों; हरियाणा के शेष हिस्सों, पूरे चंडीगढ़ और पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू के शेष हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल हैं।
बारिश की संभावना
अगले 4-5 दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। अगले 2-4 दिनों में मध्य और पूर्वी भारत में और अगले 5 दिनों के दौरान पूर्वोत्तर भारत में भी भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान जताया गया है।
29 और 30 जून को हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में, 30 जून और 1 जुलाई को पंजाब में, 29 जून से 1 जुलाई के दौरान हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली में, 28 से 30 जून के दौरान उत्तर प्रदेश में, 29 जून से 2 जुलाई के दौरान पूर्वी राजस्थान में, 28 और 29 जून को मध्य प्रदेश में, 28 से 30 जून को ओडिशा में बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। अगले 5 दिनों के दौरान कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र में तथा 28 जून और 01 जुलाई को गुजरात क्षेत्र में बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।
देश में अब सामान्य से 14 फीसदी कम बारिश
पिछले दो-तीन दिनों में हुई बारिश से देश में अब तक मानसून सीजन (1 जून से 28 जून तक) की औसत बारिश सामान्य से 14 फीसदी कम रह गई है जो सप्ताह की शुरुआत में सामान्य से 19 फीसदी कम थी। अब तक बारिश की कमी से जूझ रहे उत्तर पश्चिमी भारत में सामान्य से 35 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है जबकि पूर्वोत्तर और मध्य भारत में सामान्य से 19 फीसदी कम बारिश हुई है। दक्षिण भारत में सामान्य से 14 फीसदी अधिक बारिश है। लेकिन अब भी देश के 56 फीसदी भू-भाग में एक जून से 28 जून के बीच सामान्य से कम बारिश हुई है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में बारिश की यह कमी दूर हो जाएगी।