बंपर उत्पादन के बावजूद केंद्र सरकार ने गेहूं की स्टॉक लिमिट पर सख्ती की

थोक विक्रेताओं को अब 2,000 टन के बजाय 1,000 टन, खुदरा विक्रेताओं को प्रत्येक आउटलेट पर 10 टन के बजाय 5 टन और प्रोसेसर्स को उनकी मासिक स्थापित क्षमता के 60 प्रतिशत के बजाय 50 प्रतिशत तक गेहूं रखने की अनुमति दी जाएगी।  

बंपर उत्पादन के बावजूद केंद्र सरकार ने गेहूं की स्टॉक लिमिट पर सख्ती की

केंद्र सरकार ने गेहूं की बढ़ती कीमतों और जमाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए थोक व्यापारियों, खुदरा विक्रेताओं तथा प्रोसेसर्स के लिए गेहूं की स्टॉक लिमिट के प्रावधानों को और सख्त कर दिया है। इस कदम के साथ ही सरकार ने रबी सीजन 2023-24 में देश में रिकॉर्ड 11.32 करोड़ टन गेहूं उत्पादन का आंकड़ा भी दिया है। साथ ही यह यह भी कहा है कि देश में गेहूं की प्रचुर उपलब्धता है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी है। 

मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2025 तक लागू गेहूं की स्टॉक सीमा को संशोधित करने का निर्णय लिया है। संशोधित स्टॉक लिमिट के अनुसार, थोक विक्रेताओं को अब 2,000 टन के बजाय 1,000 टन, खुदरा विक्रेताओं को प्रत्येक आउटलेट पर 10 टन के बजाय 5 टन और प्रोसेसर्स को उनकी मासिक स्थापित क्षमता के 60 प्रतिशत के बजाय 50 प्रतिशत तक गेहूं रखने की अनुमति दी जाएगी।

देना होगा साप्ताहिक अपडेट  

गेहूं की कीमतों को काबू में रखने और जमाखोरी रोकने के लिए केंद्र सरकार ने 24 जून को स्टॉक लिमिट लगाई गई थी जिसे बाद में 9 सितंबर को संशोधित किया था। मंत्रालय के अनुसार, गेहूं भंडारण करने वाले सभी व्यापारियों को अपना पंजीकरण https://evegoils.nic.in/wsp/login पोर्टल पर कराना होगा तथा हर शुक्रवार को स्टॉक की स्थिति अपडेट करनी होगी।

यदि व्यापारियों के पास मौजूद स्टॉक निर्धारित सीमा से अधिक है, तो उन्हें अधिसूचना जारी होने के 15 दिनों के भीतर अपने स्टॉक की मात्रा को निर्धारित स्टॉक सीमा के भीतर लाना होगा। खाद्य मंत्रालय गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने और देश में आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं स्टॉक की स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है। 

उत्पादन के आंकड़ों पर सवाल

कृषि मंत्रालय ने वर्ष 2023-24 में देश में रिकॉर्ड 11.32 करोड़ टन गेहूं उत्पादन का अनुमान जारी किया है। फिर भी गेहूं के दाम 3200 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गये। जिसे देखते हुए सरकार को स्टॉक लिमिट जैसे कदम उठाने पड़े। इसके साथ ही सरकार ने कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय पूल से 25 लाख टन गेहूं की बिक्री खुले बाजार की बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत करने का फैसला भी लिया है।

पिछले साल भी सरकार ने गेहूं की कीमतों पर अंकुश के लिए केंद्रीय पूल से करीब 100 लाख टन गेहूं की बिक्री खुले बाजार में की थी। चालू रबी सीजन में गेहूं की बुवाई का क्षेत्र पिछले साल से 2.28 फीसदी अधिक है। इससे आगामी सीजन में भी गेहूं उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में गेहूं की कीमतों का बढ़ना और सरकार का स्टॉक लिमिट पर सख्ती करने का फैसला देश में गेहूं उत्पादन के आंकड़ों पर भी सवाल खड़े करता है।

 

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