टीएमसी सांसदों का प्रतिनिधिमंडल खनौरी बॉर्डर पहुंचा, ममता बनर्जी ने किसानों को दिया ये भरोसा
तृणमूल कांग्रेस के 5 राज्यसभा सांसदों का प्रतिनिधिमंडल खनौरी बॉर्डर पहुंचा और प्रदर्शनकारी किसानों से मुलाकात की।
हरियाणा पंजाब बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन की गूंज पश्चिम बंगाल तक पहुंच गई है। सोमवार को पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के पांच राज्यसभा सांसदों का प्रतिनिधिमंडल दातासिंहवाला-खनौरी बॉर्डर पहुंचा और प्रदर्शनकारी किसानों से मुलाकात की। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किसान नेताओं से फोन पर बात कर उनकी मांगों को समर्थन देने का भरोसा दिलाया।
प्रतिनिधिमंडल में टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन, मोहम्मद नदीमुल हक, डोला सेन, सागरिका घोष और साकेत गोखले शामिल थे। इन सांसदों ने टीएमसी की तरफ से भाजपा की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ किसान आंदोलन को समर्थन देने की बात कही।
सांसद प्रतिनिधिमंडल ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की फोन पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात कराई। ममता बनर्जी ने कहा कि आने वाले संसद सत्र में उनकी पार्टी के 42 सांसद (29 लोकसभा, 13 राज्यसभा) एमएसपी गारंटी कानून के मुद्दे को जोर-शोर से उठाएंगे। ममता बनर्जी ने आंदोलनजारी किसानों को आश्वासन दिया कि तृणमूल कांग्रेस किसानों के न्याय के लिए हमेशा खड़ी रहेगी।
फसलों के एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत कई मांगों को लेकर एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने 13 फरवरी से दिल्ली कूच का ऐलान किया था। लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें शंभू और खनौरी बॉर्डर से आगे नहीं बढ़ने दिया। किसानों ने आगे बढ़ने का प्रयास किया तो पुलिस और प्रदर्शनकारियों में टकराव हुआ। इस दौरान किसानों पर आंसू गैस के गोले बरसाए गए। 21 फरवरी को खनौरी में हुई झड़पों में युवा किसान शुभकरण सिंह (21) की मौत हो गई और 12 पुलिस कर्मी घायल हो गए थे।
लगभग चार महीनों से आंदोलनकारी किसान हरियाण पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर मोर्चा जमाए बैठे हैं। तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल से किसानों ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि केंद्र की मोदी सरकार ने उनके साथ विश्वासघात किया है। क्रूर दमन का सहारा लिया है। टीएमसी के सांसदों ने किसानों के साथ एकजुटता दिखाई और किसान आंदोलन के प्रति अपना समर्थन दोहराया।
सांसदों ने उस जगह को भी देखा जहां युवा किसान शुभकरण सिंह को गोली लगी थी, इसके अलावा उन्होंने पुलिस द्वारा तोड़े गए किसानों के ट्रैक्टरों व गाड़ियों को भी देखा। सांसदों ने किसान आंदोलन के दौरान घायल हुए प्रीतपाल सिंह और वरिंदर सिंह से भी मुलाकात करी।
इस मौके पर किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा, अभिमन्यु कोहाड़, लखविंदर सिंह औलख, सुखजिंदर सिंह खोसा, मनिंदर सिंह मान, सुखजीत सिंह हरदोझण्डे, गुरसाहिब सिंह, रंजीत राजू, गुरमणित सिंह मांगट आदि मौजूद रहे।