कृषि सलाह: अगले दो दिनों बारिश की संभावना, खड़ी फसलों में छिड़काव न करें

19 जनवरी तक के लिए कृषि सलाह के अनुसार, आने वाले दो दिनों में वर्षा की संभावना को देखेते हुए किसान सभी खड़ी फसलों में सिंचाई एवं किसी भी तरह का छिडकाव ना करें।

कृषि सलाह: अगले दो दिनों बारिश की संभावना, खड़ी फसलों में छिड़काव न करें

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली के कृषि वैज्ञानिकों ने क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केन्द्र से प्राप्त मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान के आधार पर दिल्ली और इसके आस-पास के गाँवों के लिए साप्ताहिक कृषि सम्बंधी सलाह जारी की है।

19 जनवरी तक के लिए कृषि सलाह के अनुसार, आने वाले दो दिनों में वर्षा की संभावना को देखेते हुए किसान सभी खड़ी फसलों में सिंचाई एवं किसी भी तरह का छिडकाव ना करें। गेहूं की फसल में यदि दीमक का प्रकोप दिखाई दे तो बचाव हेतु किसान क्लोरपायरीफाँस 20 ई.सी. @ 2.0 ली. प्रति एकड़ 20 कि.ग्रा. बालू में मिलाकर खेत में शाम को छिड़क दे।

मौसम को ध्यान में रखते हुए किसानों को सलाह है कि सरसों की फसल में चेंपा कीट की निरंतर निगरानी करते रहें। प्रारम्भिक अवस्था में प्रभावित भाग को काट कर नष्ट कर दे। चने की फसल में फली छेदक कीट की निगरानी हेतु फीरोमोन प्रपंश @ 3-4 प्रपंश प्रति एकड़ खेतों में लगाएं जहां पौधों में 10-15% फूल खिल गये हों। कद्दूवर्गीय सब्जियों के अगेती फसल की पौध तैयार करने के लिए बीजों को छोटी पालीथीन के थैलों में भर कर पाली हाउस में रखें।

इस मौसम में बुवाई

इस मौसम में तैयार बन्दगोभी, फूलगोभी, गांठगोभी आदि की रोपाई मेड़ों पर कर सकते हैं। पालक, धनिया, मेथी की बुवाई भी कर सकते हैं। पत्तों के बढ़वार के लिए 20 कि.ग्रा. यूरिया प्रति एकड़ की दर से छिड़काव कर सकते हैं।

यह मौसम गाजर का बीज बनाने के लिए उपयुक्त है।  जिन किसानों ने फसल के लिए उन्नत किस्मों की उच्च गुणवत्ता वाले बीज का प्रयोग किया है तथा फसल 90-105 दिन की होने वाली है, वे जनवरी माह के प्रथम पखवाड़े में खुदाई करते समय अच्छी, लम्बी गाजर का चुनाव करें, जिनमे पत्ते कम हो। इन गाजरों के पत्तों को 4 इंच का छोड़ कर ऊपर से काट दें। गाजरों का भी ऊपरी 4 इंच हिस्सा रखकर बाकी को काट दें। अब इन बीज वाली गाजरों को 45 से.मी. की दूरी पर कतारों में 6 इंच के अंतराल पर लगाकर पानी लगाए।

इस मौसम में तैयार खेतों में प्याज की रोपाई कर सकते हैं। रोपाई वाले पौध छह सप्ताह से ज्यादा की नही होने चाहिए। पौधों को छोटी क्यारियों में रोपाई करें। रोपाई से 10-15 दिन पूर्व खेत में 20-25 टन सड़ी गोबर की खाद डालें। 20 कि.ग्रा. नाइट्रोजन, 60-70 कि.ग्रा. फॉस्फोरस तथा 80-100 कि.ग्रा. पोटाश आखिरी जुताई में ड़ालें। पौधों की रोपाई अधिक गहराई में ना करें तथा कतार से कतार की दूरी 15 से.मी. पौधे से पौधे की दूरी 10 से.मी. रखें।

गोभीवर्गीय फसल में हीरा पीठ इल्ली, मटर में फली छेदक तथा टमाटर में फल छेदक की निगरानी हेतु फीरोमोन प्रपंश @ 3-4 प्रपंश प्रति एकड खेतों में लगाएं।

गेंदे की फसल में पूष्प सड़न रोग के आक्रमण की निगरानी करते रहें। यदि लक्षण दिखाई दें तो बाविस्टिन 1 ग्राम/लीटर अथवा इन्डोफिल-एम 45 @ 2 मिली./लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव आसमान साफ होने पर करें।

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