यूपी में फसल बीमा कराने की आखिरी तारीख 10 अगस्त तक बढ़ी
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) की अंतिम तिथि बढ़ाकर 10 अगस्त कर दी है, जिससे किसान अपनी फसलों का बीमा करा सकें। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों से जलवायु परिवर्तन के चलते बीमा कराने की अपील की है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को फसलों का बीमा कराने के लिए राहत दी है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) की अंतिम तिथि बढ़ाकर 10 अगस्त कर दी गई है। पहले यह तिथि 31 जुलाई थी। अब प्रदेश के किसान 10 अगस्त तक अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों से अपील की है कि जलवायु परिवर्तन और बढ़ते तापमान के कारण अपनी फसलों का बीमा कराएं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान से अनुरोध करके पीएम फसल बीमा योजना की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 10 अगस्त करवाया गया है। प्रदेश के सभी किसान समय रहते अपनी फसलों का बीमा करा लें।
किसानों को कितना प्रीमियम देना होगा
शाही ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से मौसम में अस्थिरता देखी जा रही है, जिससे उत्पादकता और उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इससे निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर केंद्र सरकार द्वारा किसानों की फसलों का बीमा कराया जाता है। खरीफ की फसलों के लिए किसानों को केवल दो प्रतिशत और रबी की फसलों के लिए 1.50 प्रतिशत प्रीमियम देना होगा, बाकी प्रीमियम राज्य और केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
प्रिय किसान भाइयों, आपकी सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मा कृषि मंत्री श्री @spshahibjp जी द्वारा केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री @ChouhanShivraj जी से अनुरोध करके फसल बीमा की अंतिम तिथि जो की 31 जुलाई थी उसे बढ़ाकर 10 अगस्त करवाया गया है@BaldevAulakh #UPCM pic.twitter.com/Nak3YKk7MN
— Krishi Vibhag Gov UP (@jdabureau) August 1, 2024
'2.6 करोड़ किसान, सिर्फ 25 लाख कराते हैं बीमा'
शाही ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 2.6 करोड़ किसान हैं, लेकिन उनमें से केवल 22 से 25 लाख किसान ही अपनी फसलों का बीमा कराते हैं। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे वर्तमान मौसम को देखते हुए तुरंत अपनी फसलों का बीमा कराएं। फसल की सुरक्षा के लिए किसान अपनी फसलों का बीमा नजदीकी बैंक में जाकर करा सकते हैं। किसी भी तरह के नुकसान की स्थिति में किसानों को 25 से 50 प्रतिशत तक के नुकसान की भरपाई की जाएगी।