रूस ने यूक्रेन से अनाज निर्यात की अनुमति 60 दिन बढ़ाई, गेहूं के वैश्विक दाम में नरमी संभव
रूस ने यूक्रेन से ब्लैक सी के रास्ते अनाज निर्यात की अवधि बढ़ाने की अनुमति दे दी है। उसने तुर्की और यूक्रेन से कहा है कि यह अनुमति 60 दिनों के लिए होगी, यानी 18 मई 2023 तक। पिछले साल जुलाई में संयुक्त राष्ट्र और तुर्की की मध्यस्थता के बाद रूस ने पहली बार काला सागर के तीन बंदरगाहों के रास्ते यूक्रेन से अनाज और उर्वरकों के निर्यात की इजाजत दी थी। रूस के इस फैसले से विश्व बाजार में गेहूं की कीमतों में नरमी आने की संभावना है।
रूस ने यूक्रेन से ब्लैक सी (काला सागर) के रास्ते अनाज निर्यात की अवधि बढ़ाने की अनुमति दे दी है। उसने तुर्की और यूक्रेन से कहा है कि यह अनुमति 60 दिनों के लिए होगी, यानी 18 मई 2023 तक। पिछले साल जुलाई में संयुक्त राष्ट्र और तुर्की की मध्यस्थता के बाद रूस ने पहली बार काला सागर के तीन बंदरगाहों के रास्ते यूक्रेन से अनाज और उर्वरकों के निर्यात की इजाजत दी थी। रूस के इस फैसले से विश्व बाजार में गेहूं की कीमतों में नरमी आने की संभावना है।
उस समय रूस ने जो अनुमति दी थी उसकी अवधि नवंबर में खत्म हो गई थी। उसी समय उसे 4 महीने के लिए रिन्यू किया गया था। वह अवधि भी शनिवार को खत्म हो रही थी। संयुक्त राष्ट्र ने मानवीय आधार पर इसे बढ़ाने की गुहार लगाई थी। समझौते के मुताबिक दोनों पक्षों में से अगर कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराता है तो समझौता और 120 दिनों के लिए बढ़ जाएगा, लेकिन रूस ने इस पर आपत्ति जताई थी।
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के अंडर सेक्रेट्री जनरल मार्टिन ग्रिफिथ्स ने सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि पिछले साल लागू किए गए ग्रेन इनीशिएटिव के तहत अगस्त 2022 से अभी तक लगभग 2.5 करोड़ टन अनाज का निर्यात किया गया है। संयुक्त राष्ट्र के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने अफगानिस्तान, इथोपिया, केन्या, सोमालिया और यमन को मानवीय आधार पर 5 लाख टन से अधिक गेहूं भेजा है।
ग्रिफिथ्स के अनुसार इस दिशा में काफी प्रगति हुई है लेकिन अब भी कई बाधाएं हैं, खासकर पेमेंट सिस्टम को लेकर। हालांकि रूस ने बैठक में कहा कि यह समझौता काम नहीं कर रहा है। उसने यह भी कहा कि यूक्रेन से अनाज निर्यात का जो समझौता हुआ था वह विकासशील देशों को मानवीय आधार पर मदद के लिए था क्योंकि उन देशों को अनाज के दाम बढ़ने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन यह पहल वास्तव में एक कमर्शियल डील बन गई जिससे दुनिया की चार बड़ी एग्रीबिजनेस कंपनियों को फायदा हो रहा है। यह कंपनियां पश्चिमी देशों की हैं।
इसलिए रूस ने तुर्की और यूक्रेन को आधिकारिक तौर पर सूचित किया है कि वह ब्लैक सी ग्रेन इनीशिएटिव को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है लेकिन सिर्फ 60 दिनों के लिए। रूस के अनुसार अगर ब्रुसेल्स, वाशिंगटन, लंदन वास्तव में यूक्रेन से मानवीय आधार पर अनाज का निर्यात जारी रखना चाहते हैं तो उनके पास रूस के कृषि क्षेत्र समेत पूरी चेन को प्रतिबंध से छूट देने के लिए 2 महीने का समय है।
अमेरिका ने कहा, पूरी दुनिया जानती है कि रूस से खाद्य पदार्थों का निर्यात युद्ध से पहले के स्तर पर पहुंच गया है। रूस की सरकार भले कह रही है कि उसे अनाज और उर्वरकों का निर्यात नहीं करने दिया जा रहा है, लेकिन आंकड़े कुछ और कहते हैं। अमेरिका ने यूक्रेन के बंदरगाहों से जहाजों के रवाना होने में देरी के लिए भी रूस की आलोचना की है और कहा है कि इससे ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा बढ़ रहा है।