नवंबर में अंतरराष्ट्रीय बाजार में वनस्पति तेल महंगे हुए, लेकिन गेहूं, चावल और चीनी की कीमतों में गिरावट का रुख
विश्व खाद्य मूल्य सूचकांक नवंबर में 0.5 प्रतिशत बढ़कर अप्रैल 2023 के बाद अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में वनस्पति तेलों की कीमतों में वृद्धि के कारण ऐसा हुआ है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने अपनी मासिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। एफएओ खाद्य मूल्य सूचकांक नवंबर में 127.5 अंक पर रहा, जो पिछले साल के मुकाबले 5.7 प्रतिशत अधिक है। हालांकि यह अब भी मार्च 2022 के उच्चतम स्तर से 20.4 प्रतिशत नीचे है।
विश्व खाद्य मूल्य सूचकांक नवंबर में 0.5 प्रतिशत बढ़कर अप्रैल 2023 के बाद अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में वनस्पति तेलों की कीमतों में वृद्धि के कारण ऐसा हुआ है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने अपनी मासिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। एफएओ खाद्य मूल्य सूचकांक नवंबर में 127.5 अंक पर रहा, जो पिछले साल के मुकाबले 5.7 प्रतिशत अधिक है। हालांकि यह अब भी मार्च 2022 के उच्चतम स्तर से 20.4 प्रतिशत नीचे है।
नवंबर में सबसे अधिक वृद्धि वनस्पति तेलों के दाम में हुई। इसका सूचकांक अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में 7.5 प्रतिशत बढ़ा। यह पिछले साल की तुलना में 32 प्रतिशत अधिक है। दक्षिण-पूर्व एशिया में अत्यधिक वर्षा के कारण उत्पादन अनुमान से कम होने की चिंता के बीच वैश्विक पाम ऑयल कीमतें बढ़ीं। वैश्विक आयात मांग के कारण सोया ऑयल की कीमतों में भी वृद्धि हुई। रेपसीड और सनफ्लावर ऑयल की कीमतों में बढ़ोतरी का कारण वैश्विक आपूर्ति में कमी को माना जा रहा है।
डेयरी मूल्य सूचकांक में नवंबर में भी वृद्धि जारी रही। इसमें अक्टूबर के मुकाबले 0.6 प्रतिशत वृद्धि हुई। इसका कारण होल मिल्क पाउडर के लिए वैश्विक आयात मांग में वृद्धि है। बटर की कीमतें पश्चिमी यूरोप में मजबूत मांग और आपूर्ति में कमी के कारण नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं। निर्यात उपलब्धता सीमित होने से चीज की कीमतों में भी वृद्धि हुई।
एफएओ के अन्य कमोडिटी मूल्य सूचकांकों में नवंबर में गिरावट दर्ज की गई। अनाज मूल्य सूचकांक अक्टूबर की तुलना में 2.7 प्रतिशत और पिछले साल की तुलना में 8.0 प्रतिशत नीचे आ गया। कमजोर अंतर्राष्ट्रीय आयात मांग और दक्षिणी गोलार्ध में फसल आपूर्ति बढ़ने के कारण गेहूं की कीमतों में गिरावट आई। मक्का की कीमतें स्थिर रहीं। ब्राजील और मेक्सिको में मक्के की मांग निकली जिसकी आपूर्ति अमेरिका से हुई। एफएओ का चावल मूल्य सूचकांक नवंबर में 4.0 प्रतिशत घटा। इसमें गिरावट बाजार प्रतिस्पर्धा, नई फसल के दबाव और मुद्रा में उतार-चढ़ाव के कारण आई।
चीनी मूल्य सूचकांक भी अक्टूबर के मुकाबले 2.4 प्रतिशत घटा। भारत और थाईलैंड में पेराई सीजन शुरू होने तथा ब्राजील में अगले साल की गन्ना फसल को लेकर बेहतर उम्मीदों के कारण इसके दाम गिरे। दुनिया के सबसे बड़े चीनी उत्पादकों में शुार ब्राजील में हाल की बारिश गन्ने की फसल के लिए अच्छी मानी जा रही है।