ग्लोबल मार्केट में ज्यादातर खाद्य कमोडिटी के दामों में गिरावट, लेकिन चावल और चीनी के दाम बढ़े
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खाद्य कमोडिटी के दामों में मई में गिरावट आई है। ज्यादातर अनाज, वनस्पति तेल और डेयरी प्रोडक्ट के दाम घटे हैं। हालांकि चावल, चीनी और मीट की कीमतों में बढ़ोतरी भी हुई है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने गुरुवार को मई का फूड प्राइस इंडेक्स जारी किया जिसमें यह जानकारी दी गई है
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खाद्य कमोडिटी के दामों में मई में गिरावट आई है। ज्यादातर अनाज, वनस्पति तेल और डेयरी प्रोडक्ट के दाम घटे हैं। हालांकि चावल, चीनी और मीट की कीमतों में बढ़ोतरी भी हुई है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने गुरुवार को मई का फूड प्राइस इंडेक्स जारी किया जिसमें यह जानकारी दी गई है।
एफएओ के प्राइस इंडेक्स में फूड कमोडिटी की कीमतों में मासिक उतार-चढ़ाव को दर्ज किया जाता है। मई में यह इंडेक्स 124.3 पर रहा। अप्रैल की तुलना में इसमें 2.6% की गिरावट आई है। मार्च 2022 के सर्वकालिक उच्चतम स्तर से देखें तो यह 22.1% नीचे है।
एफएओ का सिरियल (अनाज) प्राइस इंडेक्स 4.8% कम हुआ है। उत्पादन के बेहतर आंकड़ों तथा आयात में कमी के चलते मक्के की कीमतों में 9.8% की कमी आई है। गेहूं के दाम में 3.5% कमी आई है। ब्लैक सी ग्रेट इनीशिएटिव के तहत गेहूं की पर्याप्त सप्लाई होने के चलते ऐसा हुआ है। हालांकि एशियाई देशों की मांग तथा वियतनाम और पाकिस्तान जैसे देशों से सप्लाई कम होने के कारण पिछले महीने चावल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।
एफएओ का वेजिटेबल ऑयल प्राइस इंडेक्स 8.7% नीचे आया है। एक साल पहले से तुलना करें तो यह गिरावट 48.2% है। अप्रैल की तुलना में पाम ऑयल की कीमतों में खासी गिरावट आई है क्योंकि इसकी आयात मांग कम है। दूसरी तरफ प्रमुख उत्पादक देशों में उत्पादन के आंकड़े अच्छे हैं। सोया ऑयल की कीमतों में लगातार छठे महीने गिरावट आई है। ब्राजील में सोयाबीन की बंपर फसल हुई है और अमेरिका में इसका स्टॉक उम्मीद से अधिक है। ग्लोबल सप्लाई बढ़ने से सनफ्लावर और रेपसीड आयल के दामों में भी गिरावट का रुख बना हुआ है।
एफएओ डेयरी प्राइस इंडेक्स अप्रैल की तुलना में 3.2% नीचे आया है। उत्तरी गोलार्ध में दूध का उत्पादन बढ़ने और के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीज की कीमतों में कमी आई है। हालांकि बटर बनाने में इस्तेमाल होने वाले मिल्क पाउडर की कीमतों में बढ़ोतरी है। चीनी की कीमतों में लगातार चौथे महीने वृद्धि हुई है। अप्रैल की तुलना में यह 5.5% ज्यादा है। एक साल पहले की तुलना में अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी के भाव 31% ज्यादा हैं।