वैश्विक अनाज उत्पादन और ट्रेड अनुमानों में कटौती, मौसम के कारण गेहूं-मक्का का उत्पादन प्रभावित

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने वर्ष 2024 के लिए वैश्विक अनाज उत्पादन के अनुमान में कटौती की है। उसने कहा है कि इस वर्ष कुल 28.41 करोड़ टन उत्पादन की उम्मीद है। यह पिछले साल की तुलना में 0.6 प्रतिशत कम होगा। हालांकि इसके बावजूद यह अब तक का दूसरा रिकॉर्ड उत्पादन होगा।

वैश्विक अनाज उत्पादन और ट्रेड अनुमानों में कटौती, मौसम के कारण गेहूं-मक्का का उत्पादन प्रभावित

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने वर्ष 2024 के लिए वैश्विक अनाज उत्पादन के अनुमान में कटौती की है। उसने कहा है कि इस वर्ष कुल 28.41 करोड़ टन उत्पादन की उम्मीद है। यह पिछले साल की तुलना में 0.6 प्रतिशत कम होगा। हालांकि इसके बावजूद यह अब तक का दूसरा रिकॉर्ड उत्पादन होगा। 

उत्पादन अनुमान में कटौती मुख्य रूप से मक्का और गेहूं के कारण हुई है। वैश्विक मक्का उत्पादन, जो मोटे अनाज के कुल उत्पादन का लगभग 80 प्रतिशत है, रहने का अनुमान है। यह पिछले महीने के अनुमान से थोड़ा और 2023 के स्तर से 1.9 प्रतिशत कम है। यूरोपीय संघ और अमेरिका में अपेक्षाकृत कम उपज रहने के आसार हैं। 

इसी तरह, वैश्विक गेहूं उत्पादन अनुमान को थोड़ा घटाकर 78.9 करोड़ टन कर दिया गया है, जो 2023 के उत्पादन स्तर के बराबर है। गेहूं उत्पादन में गिरावट का अनुमान मुख्य रूप से यूरोपियन यूनियन के कारण है, जहां अत्यधिक बारिश के कारण कुछ हिस्सों में फसल प्रभावित हुई है। 

वर्ष 2024-25 के लिए वैश्विक चावल उत्पादन अनुमान में एफएओ ने नवंबर के अनुमान में ज्यादा बदलाव नहीं किया है। वैश्विक चावल उत्पादन में 0.8 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि होगी और यह 53.88 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच जाएगा।

2025 के लिए FAO के अनुमान
रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तरी गोलार्ध में शीतकालीन गेहूं की बुवाई जारी है। हालांकि 2024 की कम कीमतें रकबा बढ़ाने में बाधक बन सकती हैं। अमेरिका में शीतकालीन गेहूं की बुवाई औसत गति से हो रही है। हाल की वर्षा से वहां गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद होगी। नवंबर के अंत तक शीतकालीन फसलों की 55 प्रतिशत बुवाई हो चुकी थी, जो पिछले साल से 5 प्रतिशत अधिक है। 

यूरोपीय यूनियन में पश्चिमी क्षेत्रों, विशेष रूप से दक्षिणी स्पेन में, वर्षा के कारण बुवाई में देरी हुई। पूर्वी यूरोप के देशों में नवंबर में शुष्क मौसम से बुवाई की गति तेज हुई, लेकिन पानी की कमी से कुछ इलाकों में देरी भी हुई। दक्षिणी रूस के प्रमुख गेहूं उगाने वाले क्षेत्रों में वर्षा कम होने के कारण मिट्टी की नमी कम है, जिसका असर बुवाई पर दिखा। यूक्रेन में युद्ध कृषि क्षेत्र के लिए एक बड़ी बाधा है। वहां मौसम ने भी बुवाई में रुकावट डाली। सुदूर पूर्वी एशिया में अधिक मूल्य और सरकारी समर्थन वाली नीतियों के साथ-साथ मिट्टी में नमी के कारण गेहूं की बुवाई का रकबा बढ़ने की संभावना है।

दक्षिणी गोलार्ध में मोटे अनाज की भी बुवाई जारी है। दक्षिण अमेरिका में अर्जेंटीना में मक्का की बुवाई में कमी के पहले संकेत मिल रहे हैं, क्योंकि किसान सूखी स्थितियों और पत्तियों के जरिए फैलने वाली स्टंट बीमारी के खतरे से हतोत्साहित हो गए हैं। इसने 2024 में उत्पादन पर प्रतिकूल असर डाला था। ब्राजील में फिलहाल मक्के का रकबा पिछली बार के बराबर रहने के आसार हैं। वहां केंद्रीय और दक्षिण-पूर्वी क्षेत्रों में वर्षा की वापसी ने उपज में वृद्धि की संभावना को बढ़ा दिया है। 

वैश्विक अनाज उपयोग का अनुमान 
वर्ष 2024-25 के लिए वैश्विक अनाज उपयोग का अनुमान 28.59 करोड़ टन है। यह 2023-24 से 0.6 प्रतिशत अधिक है। वैश्विक स्तर पर मोटे अनाज का उपयोग 2024-25 के लिए पिछले महीने से 12 लाख टन बढ़ाकर 15.26 करोड़ टन किया गया है। यह 2023-24 के स्तर से 0.4 प्रतिशत अधिक है। यह वृद्धि मुख्य रूप से मक्का के औद्योगिक उपयोग और पशुधन के आहार के उपयोग में वृद्धि के कारण हुई है।

वैश्विक गेहूं उपयोग 2024-25 में पिछले सीजन के समान, लगभग 79.6 करोड़ टन रहने का अनुमान है। एफएओ ने वैश्विक चावल उपयोग के अनुमान को नवंबर की तुलना में नौ लाख टन बढ़ा दिया है। यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से एशिया में होगी। वैश्विक चावल उपयोग अब 53.67 करोड़ टन तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2023-24 से 2 प्रतिशत अधिक होगा। यह एक रिकॉर्ड भी होगा।

अनाज भंडार अनुमान में कमी
एफएओ ने 2025 के अंत तक वैश्विक अनाज भंडार के अनुमान में 142 लाख टन की कमी की है। इसका अनुमान 87.4 करोड़ टन का है, जो 0.7 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है। मोटे अनाज का भंडार अब 2024-25 में 1.2 प्रतिशत की गिरावट के साथ 36 करोड़ टन रहने का अनुमान है। इसका मुख्य कारण मक्का के भंडार में कमी है, जो मुख्य रूप से यूरोपीय यूनियन और अमेरिका में घटते उत्पादन के कारण हुई है। 

वैश्विक गेहूं भंडार का अनुमान भी नवंबर की रिपोर्ट की तुलना में 51 मिलियन टन कम किया गया है। इससे 2024-25 के लिए अनुमान 31 करोड़ टन हो गया है। इस गिरावट का मुख्य कारण यूरोपीय यूनियन है, जहां उत्पादन अनुमान में कमी आई है। एफएओ ने 2024-25 मार्केटिंग वर्ष के अंत में वैश्विक चावल भंडार के अनुमान में नवंबर से लगभग नौ लाख टन की कमी की है। इसके बावजूद वैश्विक चावल भंडार का अनुमान 2023-24 से 2.6 प्रतिशत बढ़कर 20.45 करोड़ टन होने का है।

अनाज व्यापार अनुमान में भी कमी
वर्ष 2024-25 में वैश्विक अनाज व्यापार 48.4 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो पिछले महीने के अनुमान से 11 लाख टन तथा 2023-24 के स्तर से 4.6 प्रतिशत कम है। 2024-25 में मोटे अनाज व्यापार का अनुमान पिछले पूर्वानुमान से 17 लाख टन कम होकर 23 करोड़ टन हो गया है। यह 2023-24 की तुलना में 5.8 प्रतिशत कम है। इस गिरावट का कारण वैश्विक मक्का व्यापार अनुमान में 20 लाख टन की कमी है। चीन से मक्का की आयात मांग कमजोर रहने के साथ ब्राजील, यूरोपीय यूनियन और अमेरिका से निर्यात में कमी की संभावना है। मक्के का ग्लोबल ट्रेड 18.6 करोड़ टन रहने की उम्मीद है, जो पिछले साल की तुलना में 6.3 प्रतिशत कम होगा।

गेहूं के लिए 2024-25 (जुलाई-जून) में वैश्विक व्यापार का अनुमान 19.8 करोड़ टन का है। यह नवंबर के अनुमान के लगभग बराबर है, लेकिन पिछले साल की तुलना में 5.4 प्रतिशत कम है। इसका मुख्य कारण चीन और यूरोपीय यूनियन की खरीद में गिरावट के साथ यूरोप, रूस और यूक्रेन की कम बिक्री को भी माना जा रहा है।

वर्ष 2025 (जनवरी-दिसंबर) में वैश्विक चावल व्यापार का अनुमान अब 556 लाख टन है। यह 2024 के संशोधित अनुमान 536 लाख टन से अधिक है। भारत ने सितंबर-अक्टूबर में चावल की कुछ किस्मों पर निर्यात की पाबंदियां हटा ली थीं। उसके बाद भारत से निर्यात बढ़ने की संभावना है, जबकि कंबोडिया, थाईलैंड और वियतनाम के लिए निर्यात संभावनाएं कम की गई हैं।

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