अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य पदार्थों के दाम लगातार सातवें महीने घटे, लेकिन चीनी के दाम में वृद्धि
अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य पदार्थों के दाम लगातार सातवें महीने कम हुए हैं। फरवरी में चीनी और मीट के दामों में तो वृद्धि हुई, लेकिन सभी प्रमुख अनाज की कीमतों में गिरावट के रुख के चलते खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) का फूड प्राइस इंडेक्स नीचे आ गया।
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अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य पदार्थों के दाम लगातार सातवें महीने कम हुए हैं। फरवरी में चीनी और मीट के दामों में तो वृद्धि हुई, लेकिन सभी प्रमुख अनाज की कीमतों में गिरावट के रुख के चलते खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) का फूड प्राइस इंडेक्स नीचे आ गया। एफएओ का यह इंडेक्स अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य कमोडिटी की कीमतों में मासिक उतार-चढ़ाव पर नजर रखता है। फरवरी में इसका इंडेक्स 117.3 अंक पर रहा। यह जनवरी की तुलना में 0.7% नीचे और फरवरी 2023 की तुलना में 10.5% नीचे था।
पिछले महीने अनाज के दाम में सबसे ज्यादा गिरावट आई। एफएओ का अनाजों का प्राइस इंडेक्स जनवरी के मुकाबले 5% नीचे आ गया। फरवरी 2023 से तुलना करें तो इसमें 22.4% की गिरावट है। दक्षिण अमेरिका में अच्छी फसल होने और यूक्रेन की तरफ से प्रतिस्पर्धी कीमत ऑफर किए जाने की वजह से मक्का की कीमतों में काफी गिरावट आई है। रूस से निर्यात का दबाव बढ़ने के कारण गेहूं के दाम कम हुए हैं। चावल की कीमतों में भी पिछले महीने औसतन 1.6% की कमी आई है।
एफएओ के सब्जियों के प्राइस इंडेक्स में भी पिछले महीने 11% की कमी आई। जनवरी 2024 से तुलना करें तो इसमें 1.3 प्रतिशत की गिरावट है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोया तेल के दामों में उल्लेखनीय कमी आई है। दक्षिण अमेरिका में इसकी अच्छी फसल होने के आसार हैं। इसके अलावा सनफ्लावर और रेप सीड ऑयल की ग्लोबल मार्केट में उपलब्धता भी प्रचुर है। हालांकि उत्पादन में थोड़ी कमी के चलते पाम तेल के दाम कुछ बढ़े हैं।
अनाज और तेल के विपरीत एफएओ का चीनी का प्राइस इंडेक्स फरवरी में 3.2% बढ़ा है। ब्राजील में औसत से कम बारिश होने के चलते वहां गन्ने का उत्पादन को लेकर चिंता जताई जा रही है। इसके अलावा भारत और थाईलैंड में भी उत्पादन में कमी आने का अनुमान है। ये दोनों भी चीनी के प्रमुख निर्यातक देश हैं। मीट प्राइस इंडेक्स जनवरी की तुलना में 1.8% बढ़ा है। डेयरी प्राइस इंडेक्स में भी 1.1% की वृद्धि हुई है। बटर के लिए एशियाई देशों से दूध की मांग बढ़ी है।
एफएओ ने अनाज के उत्पादन और इसकी मांग का अनुमान भी जारी किया है। इसके मुताबिक 2023 में कुल अनाज उत्पादन 284 करोड़ टन रहने का अनुमान है। 2023-24 के सीजन में अनाज की खपत 282.3 करोड़ टन रहने की उम्मीद है। मवेशियों के चारे में मक्का और गेहूं की मांग बढ़ने के चलते खपत 1.1 प्रतिशत अधिक रहने के आसार हैं। मोटे अनाज के करण वैश्विक अनाज स्टॉक भी बढ़ने की उम्मीद है। पिछले साल के मुकाबले अनाज की ट्रेडिंग भी 1.3 प्रतिशत अधिक होने की उम्मीद है। यूक्रेन से मक्के का निर्यात बढ़ाने और चीन से इसकी अच्छी डिमांड होने के चलते ऐसा रहेगा।