2024 अब तक का सबसे गर्म साल रहा, WMO ने की पुष्टि

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने छह अंतरराष्ट्रीय डेटासेटों के आधार पर पुष्टि की है कि 2024 अब तक का सबसे गर्म वर्ष रहा है।

2024 अब तक का सबसे गर्म साल रहा, WMO ने की पुष्टि

संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने (WMO) के अनुसार, वर्ष 2024 एक नए रिकॉर्ड के साथ अब तक का सबसे गर्म साल साबित हुआ है। पिछले साल तापमान को पूर्व-औद्योगिक काल (1850-1900 के औसत तापमान) की तुलना में 1.55 डिग्री सेल्सियस अधिक आंका गया है। 2024 के साथ ही रिकॉर्डतोड़ तापमान का एक दशक पूरा हुआ।

यूएन मौसम विज्ञान एजेंसी की प्रवक्ता क्लेयर नुलिस ने बताया कि 2024 के दौरान, भूमि व समुद्री सतह पर और महासागरों का तापमान भी असाधारण रूप से अधिक दर्ज किया गया। इसके साथ ही, दुनिया भर में अनेक देश चरम मौसम घटनाओं से प्रभावित हुए, और ज़िन्दगियों, आजीविकाओं, उम्मीदों और सपनों को नुकसान पहुँचा।

WMO प्रवक्ता नुलिस ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के अनेक प्रभावों की वजह से समुद्र में जमे हुए हिमनदों का आकार घटा। “यह एक असाधारण वर्ष था।” विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने अपने विश्लेषण के लिए छह अन्तरराष्ट्रीय डेटासेट का अध्ययन किया जिनमें से चार में पिछले वर्ष वैश्विक औसत तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक होने की बात कही गई।

जलवायु समझौते पर दबाव

वर्ष 2015 के पेरिस समझौते में वैश्विक तापमान में वृद्धि को पूर्व औद्योगिक काल की तुलना में 2℃ से नीचे रखने और 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने का लक्ष्य है। यूएन एजेंसी के अनुसार, पेरिस समझौता अभी खत्म नहीं हो गया है, मगर इस पर गम्भीर खतरा है। इसके तहत, तापमान में दीर्घकालिक वृद्धि के रुझान को वर्षों के बजाय दशकों में मापा जाता है। 

WMO की महासचिव सेलेस्त साउलो ने कहा कि जलवायु इतिहास हमारी आँखों के सामने घटित हो रहा है। हमने एक या दो रिकॉर्ड ध्वस्त करने वाले साल नहीं देखे हैं, बल्कि सिलसिलेवार ढंग से 10 साल ऐसे गुजरे हैं। उन्होंने कहा कि यह समझना अहम है कि तापमान बढ़ने की डिग्री का हर एक अंश मायने रखता है, चूँकि वैश्विक तापमान में मामूली वृद्धि से भी हमारे जीवन, अर्थव्यवस्था और पृथ्वी पर असर होता है.

कैलिफोर्निया के जंगलों में आग

संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलिफोर्निया प्रान्त के जंगलों और शहरी इलाकों में धधकी आग से अभूतपूर्व बर्बादी हुई है। यूएन विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसी घटनाएं और गम्भीर रूप धारण कर लेती हैं, चूंकि साल में शुष्क, गर्म, तेज़ हवाओं वाले दिन बढ़ जाते हैं। 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने विश्व मौसम संगठन के निष्कर्षों पर चिंता जताई और इसे वैश्विक तापमान वृद्धि का एक और सबूत बताया है। उन्होंने सभी सरकारों से इस वर्ष नई राष्ट्रीय जलवायु कार्रवाई योजनाएं प्रस्तुत करने का आग्रह किया, ताकि दीर्घकालिक वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखा जा सके - और विनाशकारी जलवायु प्रभावों से निपटने में सबसे कमजोर देशों की सहायता की जा सके।

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