अप्रैल-जुलाई में 35 लाख टन गेहूं निर्यात के सौदे, बीते वित्त वर्ष में 70 लाख टन गेहूं का निर्यात
भारत ने अप्रैल से जुलाई तक चार महीने के लिए 30 से 35 लाख टन गेहूं निर्यात के सौदे किए हैं। हाल ही खत्म हुए वित्त वर्ष 2021-22 में भारत से 70 लाख टन गेहूं का निर्यात किया गया, जबकि 2020-21 में सिर्फ 21.55 लाख टन गेहूं का निर्यात किया गया था
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच विश्व बाजार में गेहूं की किल्लत के चलते भारत के लिए निर्यात की गुंजाइश काफी बढ़ गई है। भारत ने अप्रैल से जुलाई तक चार महीने के लिए 30 से 35 लाख टन गेहूं निर्यात के सौदे किए हैं। हाल ही खत्म हुए वित्त वर्ष 2021-22 में भारत से 70 लाख टन गेहूं का निर्यात किया गया, जबकि 2020-21 में सिर्फ 21.55 लाख टन गेहूं का निर्यात किया गया था। खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने पत्रकारों के साथ बातचीत में यह जानकारी दी।
पांडे ने बताया कि बंदरगाह नजदीक होने के चलते राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात से गेहूं निर्यात के सौदे ज्यादा हुए हैं। इसलिए निजी ट्रेडर इन राज्यों में ज्यादा गेहूं खरीद रहे हैं। अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं के दाम और बढ़े तो ट्रेडर हरियाणा और उत्तर प्रदेश से भी गेहूं खरीद सकते हैं।
उन्होंने कहा कि निजी ट्रेडर्स की तरफ से गेहूं की ज्यादा खरीद होने से सरकारी खरीद में गिरावट आ सकती है, लेकिन अभी यह कहना जल्दबाजी होगी। फिलहाल सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले हफ्ते कहा था कि 2022-23 में गेहूं निर्यात 100 लाख टन के पार जा सकता है।
पांडे ने चीनी निर्यात के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि 2021-22 के मौजूदा चीनी मार्केटिंग वर्ष में 80 लाख टन चीनी निर्यात की उम्मीद है। 2020-21 के सीजन में भारत ने 72.3 लाख टन चीनी का निर्यात किया था। ऑल इंडिया शुगर ट्रेड एसोसिएशन के आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर 2021 से 7 अप्रैल 2022 तक 58.10 लाख टन चीनी का निर्यात किया गया है।