कृषि अनुसंधान का अहम पद अतिरिक्त प्रभार के भरोसे, IAS देवेश चतुर्वेदी को एडिशनल चार्ज

सचिव (DARE) और महानिदेशक (ICAR) के पद पर समय रहते किसी कृषि वैज्ञानिक का चयन का न होने से वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी देवेश चतुर्वेदी को ही सचिव (DARE) का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

कृषि अनुसंधान का अहम पद अतिरिक्त प्रभार के भरोसे, IAS देवेश चतुर्वेदी को एडिशनल चार्ज

भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के तहत कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (DARE) के सचिव का अतिरिक्त प्रभार यूपी कैडर के 1989 बैच के आईएएस अधिकारी देवेश चतुर्वेदी को दिया गया है, जो पहले से ही कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव हैं।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) भी कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (DARE) के तहत आता है। अब तक आईसीएआर के महानिदेशक और सचिव (DARE) रहे वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. हिमांशु पाठक के इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर द सेमी एरिड ट्रॉपिक्स (ICRISAT) का नया महानिदेशक नियुक्त होने से सचिव (DARE) और महानिदेशक (ICAR) का पद खाली हो गया था। लेकिन समय रहते इन पदों पर किसी कृषि वैज्ञानिक का चयन का न होने से वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी देवेश चतुर्वेदी को ही सचिव (DARE) का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

इस प्रकार देश में कृषि अनुसंधान और शिक्षा की सर्वोच्च संस्था आईसीएआर के महानिदेशक का पद फिलहाल खाली रहेगा, जबकि सचिव (DARE) का दायित्व कामचलाऊ व्यवस्थाओं के भरोसे रहेगा। आईसीएआर से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इसके पीछे चयन प्रक्रिया में देरी और आईसीएआर का महानिदेशक बनने में बहुत-से अनुभवी कृषि वैज्ञानिकों द्वारा दिलचस्पी न दिखाने को भी वजह माना जा रहा है। 

ऐसे समय जब केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था के विकास में कृषि के योगदान को बेहद महत्वपूर्ण मान रही है, कृषि अनुसंधान से जुड़े महत्वपूर्ण पदों पर चयन में देरी और अतिरिक्त प्रभार कई सवाल खड़े करता है। गौरतलब है कि आईसीएआर की कार्यप्रणाली को लेकर पहले ही सवाल उठ रहे हैं। कृषि उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने के लिए केंद्र सरकार कृषि अनुसंधान की व्यवस्था में व्यापक बदलाव लाने की मंशा जाहिर कर चुकी है।

 

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