हार्वेस्टप्लस और हीफर इंटरनेशनल ने बिहार में कुपोषण दूर करने को मिलाया हाथ, ग्रामीण महिलाओं एवं छोटे किसानों पर रहेगा फोकस
बिहार में 70 हजार ग्रामीण महिलाओं और छोटे किसानों के आहार और जीवन को समृद्ध बनाने के लिए हार्वेस्टप्लस ने हीफर इंटरनेशनल (हीफर) से साझेदारी की है। इस साझेदारी के तहत दोनों मिलकर ग्रामीण महिलाओं एवं छोटे किसानों के परिवार वालों के पोषण में सुधार और आमदनी बढ़ाने के लिए काम करेंगे।
बिहार में 70 हजार ग्रामीण महिलाओं और छोटे किसानों के आहार और जीवन को समृद्ध बनाने के लिए हार्वेस्टप्लस ने हीफर इंटरनेशनल (हीफर) से साझेदारी की है। इस साझेदारी के तहत दोनों मिलकर ग्रामीण महिलाओं एवं छोटे किसानों के परिवार वालों के पोषण में सुधार और आमदनी बढ़ाने के लिए काम करेंगे।
हार्वेस्टप्लस और हीफर ने कुपोषण का मुकाबला करने और कृषि के माध्यम से आजीविका में सुधार करने के लिए एक साझा दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता के तहत यह साझेदारी की है। इसके तहत हीफर बायोफोर्टिफाइड फसलों को बिहार सस्टेनेबल लाइवलीहुड डेवलपमेंट (बीएसएलडी) परियोजना में एकीकृत करेगा और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित हार्वेस्टप्लस बिहार और ओडिशा पोषण पहल परियोजना की सफलता और क्षमता निर्माण का प्रयास करेगा।
हीफर इंटरनेशनल के एशिया कार्यक्रम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेंद्र लोहानी ने कहा, "हीफर इंटरनेशनल का मानना है कि भूख और गरीबी को खत्म करने की शुरुआत कृषि से होती है। छोटे किसान इस प्रयास के केंद्र में हैं। मुझे उम्मीद है कि हार्वेस्टप्लस द्वारा दिए गए बायोफोर्टिफाइड बीज बीएसएलडी के किसानों को उनकी आय बढ़ाने, उनके परिवारों के पोषण में सुधार करने और स्थानीय बाजार में अधिक पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने में मदद करेंगे। इसके परिणामस्वरूप राज्य में भूख, कुपोषण और गरीबी का उन्मूलन होगा।"
अगले दो वर्षों में हार्वेस्टप्लस और हीफर अधिक पौष्टिक, लचीला, जलवायु-स्मार्ट आपूर्ति श्रृंखला विकसित करेंगे। छोटे किसानों की जिंक गेहूं के बीज तक पहुंच बढ़ाकर इसे विकसित किया जाएगा। यह गेहूं ज्यादा पैदावार देने और ज्यादा तापमान झेलने में सक्षम है। इससे पोषक तत्वों से भरपूर फसलों का उत्पादन और खपत बढ़ेगी। साथ ही इनसे बने खाद्य उत्पादों की बिक्री भी करेगा, खासकर महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों की।
हार्वेस्टप्लस के सीईओ अरुण बराल ने कहा, "हार्वेस्टप्लस और हीफर इंटरनेशनल का साक्षा लक्ष्य वैश्विक स्तर पर कमजोर समुदायों के जीवन को बेहतर बनाना है। यह साझेदारी भारत में हमारे बायोफोर्टिफिकेशन कार्यक्रम के प्रभाव और पहुंच को मजबूत बनाएगा। एक साथ मिलकर हम पूरे बिहार में खेतों, घरों और बाजारों में अधिक पौष्टिक फसलें और खाद्य पदार्थ लाएंगे जिससे लोगों का जीवन समृद्ध होगा और भविष्य सुरक्षित रहेगा।”
हार्वेस्टप्लस इंडिया के कंट्री मैनेजर बीनू चेरियन ने कहा, "यह साझेदारी बायोफोर्टिफाइड बीजों, सर्वोत्तम कृषि पद्धतियों और बाजारों तक खाद्य प्रणाली में पोषण को स्थायी रूप से जोड़ने और व्यापक आजीविका के अवसर को हासिल करने में छोटे किसानों की पहुंच को बढ़ाएगी।"
हीफर इंटरनेशनल के प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ. अभिनव गौरव ने कहा, "बिहार के लोग न केवल कुपोषण बल्कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हैं। मुझे यकीन है कि यह साझेदारी बिहार में छोटे किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी। बीएसएलडी परियोजना जलवायु-स्मार्ट कृषि को बढ़ावा दे रही है। बायोफोर्टिफाइड बीजों की आपूर्ति से उत्पादन बढ़ाने और किसानों को बेहतर उपज लेने में मदद मिलेगी।"