सरकार ने सी-हैवी मोलासेस से बने एथेनॉल का दाम बढ़ाया, चीनी मिलों व डिस्टलरी को फायदा

केंद्र सरकार ने सी-हैवी मोलासेस से बने एथेनॉल का एक्स-मिल मूल्य 56.58 रुपए प्रति लीटर से बढ़ाकर 57.97 रुपए प्रति लीटर तय किया है जबकि बी-हैवी मोलासेस और गन्ने के रस/चीनी/शुगर सिरप से उत्पादित एथेनॉल की कीमतें में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

सरकार ने सी-हैवी मोलासेस से बने एथेनॉल का दाम बढ़ाया, चीनी मिलों व डिस्टलरी को फायदा

केंद्र सरकार ने सी-हैवी मोलासेस से बने एथेनॉल का दाम बढ़ाने का निर्णय लिया है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2024-25 (नवंबर-अक्टूबर) के लिए एथेनॉल की कीमतों में संशोधन को मंजूरी दी। सी-हैवी मोलासेस से उत्पादित एथेनॉल का एक्स-मिल मूल्य 56.58 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 57.97 रुपये प्रति लीटर तय किया गया है।

कैबिनेट के निर्णय की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ईबीपी कार्यक्रम के तहत सी-हैवी मोलासेस से प्राप्त एथेनॉल के लिए एक्स-मिल मूल्य को बढ़ाकर 57.97 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है जो 1.39 रुपये की बढ़ोतरी है।

हालांकि, बी-हैवी मोलासेस और गन्ने के रस/चीनी/शुगर सिरप से उत्पादित एथेनॉल की कीमतें में कोई बदलाव नहीं किया गया है और ये क्रमशः 60.73 रुपये प्रति लीटर और 65.61 रुपये प्रति लीटर रहेंगी। पेट्रोलियम कंपनियां चीनी मिलों या डिस्टलरी से इस कीमतों पर एथेनॉल खरीदेंगी।  

सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, "सी-हैवी मोलासेस से प्राप्त एथेनॉल की कीमत में 3 फीसदी की वृद्धि से पेट्रोल मिश्रण के लक्ष्य को पूरा करने के लिए पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होगी।"

यह कदम पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण को बढ़ावा देने और पेट्रोलियम आयात पर निर्भरता कम करने की भारत की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। एथेनॉल का दाम बढ़ने से इसके उत्पादन से जुड़ी चीनी मिलों और डिस्टलरी को फायदा मिलेगा। एथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार कई तरह की रियायतें और प्रोत्साहन देती रही है। इसी का नतीजा है कि देश में एथेनॉल उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 

भारत सरकार ने वर्ष 2030 तक 20 फीसदी एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा था जिसे अब वर्ष 2025-26 तक हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) ने चालू एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2024-25 के दौरान 18 फीसदी एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल करने की योजना बनाई है।

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और उपभोक्ता है। आयातित पेट्रोलियम पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए भारत सरकार एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। पिछले दस वर्षों के दौरान सरकारी तेल कंपनियों (ओएमसी) द्वारा एथेनॉल मिश्रण के जरिए लगभग 1.13 लाख करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है। 

 

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