कृषि के सहारे 5% के पार गई विकास दर, मैन्युफैक्चरिंग-खनन के खराब प्रदर्शन से जीडीपी ग्रोथ 7 तिमाही में सबसे कम
विकास दर को 5 प्रतिशत से ऊपर ले जाने में कृषि का बड़ा योगदान है, जिसमें पहली तिमाही के 2 प्रतिशत की तुलना में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले छह महीने में कृषि क्षेत्र की विकास दर 2.7 प्रतिशत रही है।
मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर घट कर 5.4 प्रतिशत रह गई है। यह पिछली सात तिमाही में सबसे कम विकास दर है। इससे पहले अक्टूबर-दिसंबर 2022 की तिमाही में विकास दर इससे कम, 4.3 प्रतिशत थी। वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 8.1 प्रतिशत थी। विकास दर में यह गिरावट मुख्य रूप से मैन्युफैक्चरिंग और खनन क्षेत्र के कारण है। मैन्युफैक्चरिंग में पिछली तिमाही सिर्फ 2.2 प्रतिशत वृद्धि हुई जबकि खनन में 0.1 प्रतिशत की गिरावट आई है। विकास दर को 5 प्रतिशत से ऊपर ले जाने में कृषि का बड़ा योगदान है, जिसमें पहली तिमाही के 2 प्रतिशत की तुलना में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले छह महीने में कृषि क्षेत्र की विकास दर 2.7 प्रतिशत रही है।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार दूसरी तिमाही में स्थिर मूल्यों पर कृषि क्षेत्र का ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) 4.56 लाख करोड़ रुपये रहा। यह पिछले साल की दूसरी तिमाही के 4.40 लाख करोड़ से तो अधिक है, लेकिन इसी वर्ष की पहली तिमाही के 5.32 लाख करोड़ रुपये से कम है। वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में कृषि विकास दर 3.7 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 1.7 प्रतिशत थी। पिछली तिमाही में सभी क्षेत्रों का जीवीए 40.57 लाख करोड़ रुपये था जिसमें कृषि का हिस्सा 11.24 प्रतिशत है। चावल उत्पादन में पिछले साल की दूसरी तिमाही में 0.04 प्रतिशत की गिरावट आई थी, इस बार 0.9 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है। कृषि और खनन मिलाकर पूरे प्राइमरी सेक्टर की ग्रोथ 2.9 प्रतिशत की तुलना में 3 प्रतिशत दर्ज की गई है।
इकोनॉमी के दूसरे सेक्टर की तुलना करें तो पूरे सेकंडरी सेक्टर की ग्रोथ 13.7 प्रतिशत से घट कर 3.9 प्रतिशत पर आ गई है। 2023-24 की दूसरी तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग में 14.3 प्रतिशत ग्रोथ थी, जो इस बार घट कर 2.2 प्रतिशत पर आ गई। इसी तरह बिजली-गैस उत्पादन में वृद्धि 10.5 प्रतिशत से कम हो कर 3.3 प्रतिशत रह गई। कंस्ट्रक्शन सेक्टर की ग्रोथ भी 13.6 प्रतिशत के मुकाबले 7.7 प्रतिशत है।
टर्शियरी सेक्टर ने जरूर थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया है, जिसमें पिछले साल के 6 प्रतिशत की तुलना में इस वर्ष 7.1 प्रतिशत वृद्धि हुई है। इसमें ट्रेड, होटल, ट्रांसपोर्ट जैसे सेगमेंट की विकास दर 4.5 प्रतिशत की तुलना में 6 प्रतिशत रही है। फाइनेंशियल और रियल एस्टेट की वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत की तुलना में 6.7 प्रतिशत और रक्षा तथा जन प्रशासन के सेगमेंट में 7.7 प्रतिशत के मुकाबले 9.2 प्रतिशत रही है।
छमाही आधार पर यानी अप्रैल-सितंबर के दौरान जीवीए इस वर्ष 6.2 प्रतिशत और जीडीपी 6 बढ़ी है। जीवीए में टैक्स को जोड़ने पर जीडीपी बनता है। स्थिर मूल्यों पर जीडीपी 2023-24 की पहली छमाही में 82.77 लाख करोड़ रुपये थी, जिसके इस वर्ष 87.74 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। पहली छमाही में जीवीए 81.30 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो 2023-24 की पहली छमाही में यह 76.54 लाख करोड़ रुपये था।