राजस्थान के मिलेट रोडमैप पहल का नेतृत्व करेगी कोर्टेवा एग्रीसाइंस
“राजस्थान को हर क्षेत्र में मिलेट की अपनी विविध रेंज के साथ एक पाक गंतव्य के रूप में प्रचारित किया जाना चाहिए। पर्यटन उद्योग में मिलेट का लाभ उठाने का जबरदस्त अवसर है। स्टार्टअप्स और उद्यमियों के लिए मिलेट का उपयोग करके विशेष रूप से बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को लक्षित करके नवीन व्यंजनों और उत्पादों को विकसित करने की अपार संभावनाएं हैं। मिलेट हमेशा से राजस्थान के पारंपरिक आहार का एक अभिन्न हिस्सा रहा है और राज्य मिलेट का प्रमुख उत्पादक है। मिलेट को पानी और जमीन सहित कम संसाधनों की आवश्यकता होती है जिससे वे देश के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी उत्पाद बन जाते हैं।"
राजस्थान को मिलेट के एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए रोडमैप बनाने की तैयारी हो रही है। राजस्थान सरकार द्वारा बनाए जाने वाले इस रोडमैप पहल का नेतृत्व कोर्टेवा एग्रीसाइंस करेगी। कोर्टेवा को इस टास्क फोर्स का अध्यक्ष बनाया जाएगा। इसी सिलसिले में उद्योग संगठन फिक्की ने कोर्टेवा एग्रीसाइंस के सहयोग से हाल ही में जयपुर में मिलेट कॉन्क्लेव- “लीवरेजिंग राजस्थान्स मिलेट हेरिटेज” का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मिलेट उत्पादन में राजस्थान की ताकत का प्रदर्शन करना और विभिन्न हितधारकों के बीच एक सार्थक संवाद को बढ़ावा देना था।
कोर्टेवा की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस एक दिवसीय कॉन्क्लेव में कृषि व्यवसाय, पर्यटन, नीति निर्माताओं, प्रसिद्ध शोध संस्थानों के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों, प्रगतिशील किसानों और शिक्षाविदों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। पैनलिस्टों ने मिलेट वैल्यू चेन में महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने और प्रभावशाली साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए एक समग्र और बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने पर विचार-विमर्श किया। चर्चा में मिलेट के उन लाभों और संभावनाओं की व्यापक समझ स्थापित करने पर भी विचार किया गया जो पर्यटन और स्थानीय समुदायों की आजीविका दोनों को लाभ पहुंचा सकते हैं।
राजस्थान की प्रधान सचिव श्रेया गुहा ने कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए कहा,“राजस्थान को हर क्षेत्र में मिलेट की अपनी विविध रेंज के साथ एक पाक गंतव्य के रूप में प्रचारित किया जाना चाहिए। पर्यटन उद्योग में मिलेट का लाभ उठाने का जबरदस्त अवसर है। स्टार्टअप्स और उद्यमियों के लिए मिलेट का उपयोग करके विशेष रूप से बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को लक्षित करके नवीन व्यंजनों और उत्पादों को विकसित करने की अपार संभावनाएं हैं। मिलेट हमेशा से राजस्थान के पारंपरिक आहार का एक अभिन्न हिस्सा रहा है और राज्य मिलेट का प्रमुख उत्पादक है। मिलेट को पानी और जमीन सहित कम संसाधनों की आवश्यकता होती है जिससे वे देश के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी उत्पाद बन जाते हैं।"
फिक्की के मिलेट्स टास्क फोर्स के चेयरमैन और कोर्टेवा एग्रीसाइंस के डायरेक्टर (सीड्स) जितेंद्र जोशी ने कहा, "राजस्थान भारत के मिलेट उत्पादन में सबसे बड़े योगदानकर्ता के रूप में अंतर्राष्ट्रीय वर्ष में मिलेट की पहल की सफलता का मूलमंत्र रखता है। मिलेट कॉन्क्लेव ने राजस्थान के मिलेट वैल्यू चेन को आगे बढ़ाने के रोडमैप पर चर्चा करने के लिए कई हितधारकों के लिए एक मंच के रूप में काम किया।"
यह व्यापक दृष्टिकोण राज्य के मिलेट उद्योग के लिए न केवल स्थानीय बल्कि देशभर में उत्कृष्ट अवसर सृजित करेगा। मिलेट का उत्पादन न केवल किसानों की आय को बढ़ाता है, बल्कि स्थायी कृषि का समर्थन करता है। साथ ही पूरे देश के लिए पोषणपूर्ण खाद्य प्रदान करता है। इसके अलावा यह कृषि व्यवसायों के लिए नई आर्थिक संभावनाओं के द्वार खोलता है। मिलेट वैल्यू चेन में कॉर्टेवा के प्रयासों में हायब्रिड मिलेट बीजों की पेशकश शामिल है जो 15-20 फीसदी अधिक उपज देते हैं, रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करते हैं और अंततः किसान उत्पादकता और लाभप्रदता बढ़ाते हैं। जयपुर में कोर्टेवा का इंडिया रिसर्च सेंटर बरसाती बाजरा, ग्रीष्म बाजरा और सरसों के प्रजनन कार्यक्रम चलाता है।