कर्नाटक में चुनाव की घोषणा, 10 मई को एक चरण में 224 सीटों के लिए होंगे चुनाव, 13 को आएंगे नतीजे
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करते हुए कहा कि 13 अप्रैल को चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी होगा। इसके साथ ही उम्मीदवार नामांकन दाखिल कर सकेंगे। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 20 अप्रैल तय की गई है। जबकि 21 अप्रैल को नामांकन की स्क्रूटनी होगी। नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवार 24 अप्रैल तक अपना नाम वापस ले सकेंगे। राजीव कुमार ने बताया कि इस बार राज्य में 80 वर्ष से ऊपर के मतदाता घर बैठे वोट डाल सकेंगे।
चुनाव आयोग ने कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी है। राज्य की 224 विधानसभा सीटों के लिए एक चरण में 10 मई को मतदान होगा, जबकि 13 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे। चुनाव की घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल 24 मई को खत्म हो रहा है।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करते हुए कहा कि 13 अप्रैल को चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी होगा। इसके साथ ही उम्मीदवार नामांकन दाखिल कर सकेंगे। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 20 अप्रैल तय की गई है। जबकि 21 अप्रैल को नामांकन की स्क्रूटनी होगी। नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवार 24 अप्रैल तक अपना नाम वापस ले सकेंगे। राजीव कुमार ने बताया कि इस बार राज्य में 80 वर्ष से ऊपर के मतदाता घर बैठे वोट डाल सकेंगे। चुनाव आयोग के मुताबिक, राज्य में कुल 5,21,73,579 मतदाता हैं जिनमें 9.17 लाख नए मतदाता हैं। 100 वर्ष से ज्यादा उम्र के 16 हजार से ज्यादा मतदाता हैं। राज्य में 224 ऐसे बूथ बनाए गए हैं जिनमें यूथ कर्मचारी तैनात रहेंगे जबकि 100 बूथों पर दिव्यांग कर्मचारी तैनात रहेंगे।
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के चुनाव को अहम माना जा रहा है। दक्षिण भारत का यही एक ऐसा राज्य है जहां भाजपा की स्थिति मजबूत है। पार्टी अभी यहां सत्ता में है और दोबारा सत्ता पाने की पूरी कोशिश में जुटी है। इसी के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह चुनाव की घोषणा होने से काफी पहले से राज्य में रैलियां कर रहे हैं। फिलहाल विधानसभा में बीजेपी के 119 सदस्य हैं। कांग्रेस के 75 और जेडी(एस) के 28 विधायक हैं।
इससे पहले 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 104 सीटें, कांग्रेस ने 80 और जेडी(एस) ने 37 सीटें जीती थीं। कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई थी और एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने थे। मगर कांग्रेस और जेडीएस के कुछ बागी विधायक भाजपा में चले गए थे जिससे 14 महीने में ही गठबंधन सरकार गिर गई थी। इसके बाद भाजपा ने बीएस येद्दियुरप्पा के नेतृत्व में सरकार बनाई। दो साल बाद येद्दियुरप्पा की भी विदाई हो गई और भाजपा ने उनकी जगह बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया।