हरियाणा में भाजपा और जेजेपी नेताओं के खिलाफ किसानों के विरोध-प्रदर्शन
शुक्रवार को हिसार के बरवाला में मनोहर लाल खट्टर की रैली के दौरान किसानों ने विरोध करने का प्रयास किया।
हरियाणा में भाजपा और जेजेपी के नेताओं को किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। किसान आंदोलन के दौरान हुए बर्ताव को लेकर किसान अब सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसकी सहयोगी रही जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेताओं पर सवाल उठा रहे हैं। जेजेपी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को किसानों की नाराजगी झेलनी पड़ी। वहीं, पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर की सभाओं में भी किसान विरोध-प्रदर्शन का प्रयास कर रहे हैं। उकलाना में सीएम नायब सैनी का विरोध करने जा रहे किसानों को हिरासत में लिया गया था।
शुक्रवार को हिसार के बरवाला में मनोहर लाल खट्टर की रैली के दौरान किसानों ने विरोध करने का प्रयास किया। प्रदर्शनकारी किसानों को पुलिसकर्मियों ने हिरासत में ले लिया। रैली स्थल पर विरोध करने पहुंची दो महिलाओं को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इससे पहले गुरुवार को फतेहाबाद में मनोहर लाल का विरोध करने के लिए रतिया रोड स्थित पुल के नीचे एकत्रित हुए किसानों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी रंजीत चौटाला से सवाल पूछने जा रहे किसानों को नारनौद में पुलिस ने गिरफ्तार किया। क्या लोकतंत्र में सवाल पूछने की भी इजाजत नहीं है? किसान भाजपा नेताओं से पूछ रहे हैं कि शुभकरण सिंह को गोली क्यों मारी? एमएसपी गारंटी कानून क्यों नहीं बनाया? किसान नेताओं का कहना है कि भाजपा की सरकार ने उन्हें दिल्ली नहीं जाने दिया, इसलिए अब वे भाजपा और जेजेपी नेताओं के गांवों में चुनाव प्रचार के लिए आने का विरोध कर रहे हैं।
डबवाली के पीपली गांव में जेजेपी नेता दिग्विजय चौटाला के साथ किसानों की तीखी बहस हुई। किसानों ने सवाल उठाया कि जेजीपी साढ़े चार साल बीजेपी के साथ सत्ता में रही और अब गठबंधन तोड़ने का दिखावा कर रही है। बीजेपी और जेजेपी के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं है। जिन किसान यूनियन के नेताओं को सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान घर से नहीं निकलने दिया, उनकी नाराजगी अब दिखाई दे रही है।
किसानों में व्याप्त रोष का अंदाजा जेजेपी के नेताओं को भी है। इसलिए पार्टी नेता नैना चौटाला को किसानों से माफी मांगते हुए बातचीत से मतभेद सुलझाने की बात कहनी पड़ी। किसान आंदोलन के दौरान जिस तरह हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर किसानों को रोका गया, आंसू गैस के गोले बरसाए और आंदोलनकारी किसानों की गिरफ्तारी हुई उसे लेकर किसान संगठनों में काफी रोष है। जेजेपी ने भाजपा से भले ही अलग होकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है, लेकिन किसान आंदोलन के दौरान दुष्यंत चौटाला की चुप्पी पर सवाल उठ रहे है।