महाराष्ट्र में किसानों को सोयाबीन का भाव 6-7 हजार रुपये देने के चुनावी वादे
एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार सोयाबीन किसानों को संकट से उबारने के लिए अलग से 5000 रुपये दे रही है। महायुति सरकार ने सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6000 रुपये प्रति क्विंटल करने का भी वायदा किया है।
महाराष्ट्र में सोयाबीन के भाव में गिरावट और किसानों को हो रहे नुकसान का मुद्दा तूल पकड़ रहा है। विधानसभा चुनाव में विपक्षी दल किसानों के मुद्दों पर भाजपा और महायुति गठबंधन को घेरने में जुटे हैं। इस बीच, सोयाबीन का भाव बढ़ाने को लेकर भी बड़े-बड़े चुनावी वादे किए जा रहे हैं।
गुरुवार को छत्रपति संभाजी नगर में भाजपा-महायुति की चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार सोयाबीन किसानों को संकट से उबारने के लिए अलग से 5000 रुपये दे रही है। महायुति सरकार ने सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6000 रुपये प्रति क्विंटल करने का भी वायदा किया है। पीएम मोदी ने कहा कि सरकार कपास किसानों की आय बढ़ाने के लिए भी हरसंभव प्रयास कर रही है।
सोयाबीन का एमएसपी बढ़ाकर 6000 रुपये करने का भाजपा का वादा महाराष्ट्र के सोयाबीन उत्पादक विदर्भ और मराठवाड़ा के किसानों के लिए काफी मायने रखता है। फिलहाल सोयाबीन का एमएसपी सरकार ने 4892 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। जबकि किसानों को 4000 रुपये से नीचे सोयाबीन बेचना पड़ रहा है।
कांग्रेस के नेता सोयाबीन और कपास किसानों की हालत को लेकर भाजपा पर जमकर हमला बोल रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को पुणे में ऐलान किया महाविकास आघाड़ी की सरकार महाराष्ट्र में सोयाबीन की खरीद पर किसानों को बोनस देकर 7,000 रुपये प्रति क्विंटल का भाव देगी। उन्होंने कहा कि देश में किसानों को सोयाबीन और कपास के सही दाम नहीं मिल रहे। लेकिन मोदी सरकार उनकी मदद करने के बजाए, तेल और कॉटन बाहर से मंगवाकर अडानी-अंबानी को फायदा पहुंचा रही है।
महाराष्ट्र के किसान नेता और स्वतंत्र भारत पार्टी के अध्यक्ष अनिल घनवट ने रूरल वॉयस को बताया कि महाराष्ट्र में सोयाबीन, कपास और दुग्ध उत्पादक किसानों में काफी नाराजगी है। जिस तरह लोकसभा चुनाव में प्याज किसानों की नाराजगी का असर दिखा था, उसी तरह विधानसभा चुनाव पर भी किसानों के मुद्दे हावी हैं। हवा-हवाई चुनावी वादों से भी किसानों का भरोसा उठ चुका है।
महाराष्ट्र में सोयाबीन किसानों की दिक्कतों को देखते हुए उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भावांतर योजना की घोषणा की थी। साथ ही संकटग्रस्त सोयाबीन किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए महाराष्ट्र सरकार ने 5,000 रुपये की वित्तीय सहायता का ऐलान भी किया था। नमो शेतकरी योजना के तहत महाराष्ट्र में किसानों को पीएम-किसान के सालाना 6 हजार रुपये के अलावा राज्य सरकार की ओर से सालाना 6 हजार रुपये की सहायता दी जा रही है। इस तरह महाराष्ट्र के किसानों को सालाना कुल 12 हजार रुपये की आर्थिक सहायता सीधे उनके खातों में पहुंचाई जा रही है। इन कोशिशों के जरिए भाजपा की महायुति सरकार किसानों की नाराजगी दूर करने का प्रयास कर रही है।