दुष्यंत चौटाला ने भाजपा सरकार पर हमला बोला, उठाया फसल खरीद का मुद्दा
नायब सैनी सरकार पर निशाना साधते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा कि खरीद का सीजन शुरू हो गया है, लेकिन वर्तमान सरकार किसानों को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है।
हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन टूटने के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेता दुष्यंत चौटाला ने किसानों के मुद्दों पर भाजपा सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। नायब सैनी सरकार पर निशाना साधते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा कि खरीद का सीजन शुरू हो गया है, लेकिन वर्तमान सरकार किसानों को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है।
चौटाला ने आरोप लगाया कि हाल में हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि के कारण किसानों को फसल के नुकसान का मुआवजा नहीं मिला और सरकार खरीद के बारे में कोई निर्णय नहीं ले पाई। जबकि यह काम चुनाव की घोषणा तथा आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले हो जाना चाहिए था। अब किसानों को फसलों के नुकसान के मुआवजे के लिए चुनाव खत्म होने तक इंतजार करना पड़ेगा।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि नई सरकार मंडियों में फसल आने के बावजूद खरीद की व्यवस्था नहीं कर पाई है। सरसों की खरीद एमएसपी पर होगी या भावांतर योजना के जरिए, कौन-सी एजेंसी खरीदेगी, इस पर भी निर्णय नहीं लिया। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से फसल खरीद की तत्काल व्यवस्था करने की मांग की है। दुष्यंत चौटाला बुधवार को पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह के कांग्रेस छोड़कर जेजेपी में शामिल होने के बाद चंडीगढ़ में पत्रकारों से बात कर रहे थे।
हरियाणा के हित में काम करने का दावा
जेजेपी ने भाजपा से गठबंधन टूटने का औपचारिक तौर पर ऐलान नहीं किया था, लेकिन जब मुख्यमंत्री खट्टर ने इस्तीफा दिया और नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया तो भाजपा- जेजेपी का गठबंधन टूट गया। कांग्रेस ने इसे विपक्षी मतों में सेंधमारी की कोशिश करार दिया है।
सरकार से अलग होने के बाद दुष्यंत चौटाला ने दावा किया कि पिछले साढ़े चार साल में जब जेजेपी सरकार में शामिल थी तो किसानों को किसी बात की चिंता नहीं हुई। फसलें समय पर खरीदी गईं और लगभग 1 लाख करोड़ रुपये का भुगतान सीधे किसानों के खातों में किया गया। उन्होंने साढ़े चार साल तक हरियाणा के हित में काम करने का दावा किया।
सीट शेयरिंग पर टूटा गठबंधन
भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद पहली बार दुष्यंत चौटाला ने चुप्पी तोड़ते हुए माना कि लोकसभा के लिए सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बनने के कारण जेजेपी ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया। हालांकि, विधानसभा चुनाव में भाजपा और जेजेपी के फिर से एक साथ आने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
जेजेपी ने अपने विधायकों को व्हिप जारी कर नई सरकार के फ्लोर टेस्ट से दूर रहने का निर्देश दिया था। इससे नायब सैनी सरकार को आसानी से विश्वास मत प्राप्त हो गया। ऐसी भी चर्चाएं थीं कि जेजेपी के कुछ विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। हालांकि, दुष्यंत चौटाला ने इससे इनकार किया। उन्होंने कहा कि जेजेपी का कैडर लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
हरियाणा में सभी 10 सीटों पर छठे चरण में चुनाव होंगे और छठे चरण में 25 मई को वोट डाले जाएंगे।