पंजाब की सभी 117 और यूपी में अखिलेश की करहल समेत 59 सीटों पर मतदान शुरू
अकाली दल की शिकायत पर केजरीवाल के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश, मुख्यमंत्री चन्नी और कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धू मूसेवाला पर समय खत्म होने के बाद भी चुनाव प्रचार करने के आरोप
पंजाब विधानसभा की 117 सीटों के लिए रविवार सुबह से मतदान हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में भी 59 सीटों के लिए भी मतदान हो रहा है। इनमें करहल सीट भी शामिल है जहां से समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव चुनाव लड़ रहे हैं।
पंजाब में शाम 6:00 बजे तक वोट डाले जा सकेंगे। यहां 93 महिलाओं समेत कुल 1304 प्रत्याशी मैदान में हैं, इनमें 461 निर्दलीय हैं। करीब 2.14 करोड़ मतदाता उनकी किस्मत का फैसला करेंगे। प्रदेश में पहली बार पंचकोणीय मुकाबला हो रहा है। एक तरफ सत्तारूढ़ कांग्रेस है तो दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल-बसपा गठबंधन, भाजपा-पंजाब लोक कांग्रेस-शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) गठबंधन और किसानों का संगठन संयुक्त समाज मोर्चा। प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, प्रकाश सिंह बादल, राजिंदर कौर भट्ठल, आम आदमी पार्टी का मुख्यमंत्री चेहरा भगवंत मान, पंजाब कांग्रेस के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और पंजाब भाजपा अध्यक्ष अश्विनी शर्मा शामिल हैं। चन्नी अपनी पुरानी सीट चमकौर साहिब के साथ बरनाला जिले की भदौर सीट से भी लड़ रहे हैं।
इस बीच, पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी ने आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। अकाली दल की शिकायत पर ऐसा किया गया है। शिकायत में कहा गया है कि केजरीवाल ने अकाली नेताओं के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए हैं। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धू मूसेवाला के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। इन दोनों पर शुक्रवार को प्रचार के आखिरी दिन शाम छह बजे समय खत्म होने के बाद भी चुनाव प्रचार करने के आरोप हैं।
शुक्रवार शाम को चुनाव प्रचार खत्म होने से पहले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता अपने-अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में आए। कांग्रेस ने पार्टी के खिलाफ बने माहौल को देखते हुए अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया था। पार्टी की जीत का सारा दारोमदार अब चन्नी के ऊपर है। लेकिन चन्नी ने पिछले दिनों एक विवादास्पद बयान दिया जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को भैया संबोधित करते हुए उन्हें प्रदेश में ना घुसने देने की बात कही थी। विवाद बढ़ा तो उन्होंने सफाई दी कि उनका आशय आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल से था।
दूसरी तरफ केजरीवाल पर खालिस्तान समर्थकों के करीबी होने के आरोप लगे हैं। यह आरोप पार्टी के पुराने नेता और संस्थापकों में एक कुमार विश्वास ने लगाए हैं। इन आरोपों के बाद चन्नी ने केंद्र सरकार से शिकायत की तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इसकी जांच कराई जाएगी। केजरीवाल ने जनता के सामने अपने गवर्नेंस के दिल्ली मॉडल को पेश किया है और उसी के दम पर वोट मांग रहे हैं। अनेक विश्लेषकों का मत है कि आम आदमी पार्टी इस बार चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर सकती है। 2017 के चुनाव में वह दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी।
शिरोमणि अकाली दल लंबे अरसे के बाद भारतीय जनता पार्टी से अलग होकर बहुजन समाज पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। प्रदेश में भाजपा का अपना आधार कम है। उसका प्रदर्शन दूसरे दलों से आए नेताओं पर टिका है। एक तो उसने पंजाब लोक कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है, जिसके प्रमुख अमरिंदर सिंह हैं। लेकिन पंजाब लोक कांग्रेस की स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसके कई नेता भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। गठबंधन में शामिल शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के नेता सुखदेव सिंह ढींडसा भी अकाली दल से अलग होकर ही आए हैं। अब देखना है कि भाजपा को इन बुजुर्ग नेताओं से कितनी मदद मिल पाती है।
संयुक्त समाज मोर्चा 22 किसान संगठनों को मिलाकर बनाया गया है, जिसके नेता बलबीर सिंह राजेवाल हैं। इन किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से ज्यादा चले आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। मोर्चा पहली बार चुनाव लड़ रहा है और विश्लेषकों को इसके कुछ खास प्रदर्शन की उम्मीद नहीं है।
मतदाताओं को लुभाने के लिए सभी पार्टियों ने बढ़ चढ़कर वादे किए हैं। आम आदमी पार्टी ने मुफ्त बिजली के साथ सभी महिलाओं को एक 1000 रुपए प्रतिमाह देने का वादा किया है। कांग्रेस ने भी कुछ शर्तों के साथ 1100 रुपए प्रतिमाह देने का वादा किया है। अकाली-बसपा गठबंधन का वादा गरीबी रेखा से नीचे के परिवार की महिलाओं को 2000 रुपए प्रतिमाह देने का है। कांग्रेस के साथ अकाली-बसपा गठबंधन ने भी एक लाख सरकारी नौकरियां देने की बात कही है। चन्नी ने कहा है कि कांग्रेस की अगली सरकार बनी तो कैबिनेट का पहला फैसला सरकारी नौकरियों का होगा। भाजपा गठबंधन ने सरकारी नौकरियों में प्रदेश के युवाओं के लिए 75 फ़ीसदी आरक्षण देने का वादा किया है, तो अकाली-बसपा गठबंधन ने सरकारी के साथ निजी क्षेत्र में भी आरक्षण देने की बात कही है।
2017 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 77 सीटें जीत कर अकाली-भाजपा गठबंधन के 10 साल के शासन को खत्म किया था। उस चुनाव में आम आदमी पार्टी को 20 और अकाली भाजपा गठबंधन को सिर्फ 18 सीटें मिली थीं। इस बार भाजपा हिंदू बहुल सीटों पर फोकस कर रही है जिनमें पठानकोट, अबोहर, फाजिल्का, मुकेरियां, होशियारपुर, फगवाड़ा, लुधियाना, अमृतसर, जालंधर और राजपुरा जैसी सीटें शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इन इलाकों में ज्यादा प्रचार किया है।