एनसीडीसी और एम्स रायपुर की संयुक्त पहल से छत्तीसगढ़ के मछुआरों को मिलेगी टेलीमेडिसिन सुविधा

केंद्रीय पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने 20 सितंबर को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत मत्स्य सहकारी समितियों के सदस्यों के लिए टेलीमेडिसिन सेवाओं पर एक पायलट परियोजना शुरू की। यह परियोजना राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के माध्यम से एम्स रायपुर द्वारा संचालित की जाएगी

एनसीडीसी और एम्स रायपुर की संयुक्त पहल से छत्तीसगढ़ के मछुआरों को मिलेगी टेलीमेडिसिन सुविधा

केंद्रीय पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने 20 सितंबर को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत मत्स्य सहकारी समितियों के सदस्यों के लिए टेलीमेडिसिन सेवाओं पर एक पायलट परियोजना शुरू की। यह परियोजना राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के माध्यम से एम्स रायपुर द्वारा संचालित की जाएगी। छत्तीसगढ़ में मत्स्य सहकारी समितियों के सदस्य अब अपनी चिकित्सा आवश्यकताओं के लिए एम्स रायपुर के डॉक्टरों से परामर्श कर सकेंगे।

एनसीडीसी की एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक पायलट प्रोजेक्ट को किकस्टार्ट करने के लिए एम्स रायपुर के निदेशक और सीईओ डॉ नितिन एम नागरकर को प्रोजेक्ट के लिए 50 लाख रुपये का चेक सौंपने के बाद रूपाला ने कहा, "यह सुनिश्चित करेगा कि छत्तीसगढ़ में मत्स्य सहकारी समितियों के सदस्यों को जब भी चिकित्सा की आवश्यकता होगी वह  टेलीमेडिसिन सुविधा के माध्यम से अपने दूरस्थ स्थानों से एम्स रायपुर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों से संपर्क कर सकेंगे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हमारे देश में टेलीहेल्थ सेवाओं की जबरदस्त संभावनाएं हैं जहां शहरों में स्वास्थ्य सुविधाएं बहुत अधिक केंद्रित हैं जबकि गांवों और तटीय क्षेत्रों जैसे दूरदराज के इलाकों में इस तरह के लाभों से लोग वंचित हैं।"

एम्स, रायपुर द्वारा अगले तीन वर्षों के लिए एक स्टार्टअप गतिविधि के रूप में प्रस्तावित परियोजना को पांच केंद्रों, पीएचसी पाटन (दुर्ग जिला), पीएचसी साजा (बेमेतरा), पीएचसी रतनपुर (बिलासपुर), पीएचसी धमतरी और एम्स रायपुर से पायलट मोड में लॉन्च किया जा रहा है। यह केंद्र सरकार, छत्तीसगढ़ सरकार, एनसीडीसी और एम्स रायपुर का संयुक्त प्रयास है।

रूपाला ने कहा कि यह परियोजना हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित डिजिटल इंडिया मिशन को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ने का एक तरीका है। एक महामारी प्रभावित दुनिया में, टेलीहेल्थ सहित प्रौद्योगिकी-सक्षम सेवाएं पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हो गई हैं। इसे देखते हुए, मुझे खुशी है टेलीमेडिसिन सुविधा का उद्घाटन किया, जो मत्स्य पालन और मत्स्य पालन सहकारी समितियों से संबंधित लोगों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा परामर्श सेवाओं तक पहुंच प्रदान करने में मदद करेगी।

एनसीडीसी के प्रबंध निदेशक संदीप नायक ने बताया कि सुविधाओं के शुभारंभ के साथ, सरकार का लक्ष्य छत्तीसगढ़ में संबंधित सहकारी समितियों से जुड़े मछुआरों और मछुआरा समुदाय के बीच स्वास्थ्य संबंधी असमानताओं को दूर करना है। उन्होंने कहा की टेलीमेडिसिन सुविधा शुरू करने का निर्णय तब लिया गया जब यह पाया गया कि सहकारी समितियों के कई सदस्य दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने, गरीबी या कोविड के भय के कारण चिकित्सा सेवाओं का लाभ उठाने से कतरा रहे थे। नायक ने कहा,  “यह विचार दूरदराज के क्षेत्रों में मत्स्य सहकारी समितियों के सदस्यों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करने के साथ-साथ उनके चिकित्सा खर्च में कटौती करने का है। दूर-दराज के क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के प्रवेश से मत्स्य समुदाय के बीच स्वास्थ्य जागरूकता भी पैदा होगी। ”

मत्स्य पालन विभाग के सचिव जतिंद्र नाथ स्वैन ने एनसीडीसी के साथ एम्स, रायपुर के सहयोगात्मक प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, "इससे उन्हें रोकथाम, निदान और स्वास्थ्य की स्थिति पर अधिक सूचित निर्णय लेने में भी मदद मिलेगी।"

एम्स, रायपुर के निदेशक नीतिन नागरकर ने कहा, "हम मत्स्य पालन सहकारी समितियों के सदस्यों को शहरी केंद्रों में प्रदाताओं और विशेषज्ञों द्वारा उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल प्रदान करने के लिए एनसीडीसी के साथ जुड़कर खुश हैं।"

 

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