कमजोर वर्गों के उत्थान और विकास के लिए सहकारी समितियों के बीच अपनी पहचान को बढ़ावा देने के लिए भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयूआई ) और नेशनल एसोसिएशन ऑफ स्ट्रीट वेंडर्स ऑफ इंडिया (नासवी) के बीच आज एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस एमओयू पर एनसीयूआई की तरफ से मुख्य कार्यकारी डॉ. सुधीर महाजन और नासवी की तरफ से राष्ट्रीय समन्वयक अरविंद सिंह द्वारा हस्ताक्षर किए गए ।
एनसीयूआई और नासवी का उद्देश्य है कि साहकारिता के माध्यम से, स्ट्रीट वेंडर्स से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर आम सहमति बनाने के लिए राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर हितधारक परामर्श कार्यशालाओं का आयोजन करना, स्ट्रीट वैंडर्स के आजीविका विकल्पों को बढ़ाने के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकियों और दृष्टिकोणों की पहचान करना और सहकारिता को बढ़ावा देना।
इस एमओयू पर हस्ताक्षर देश में रेहड़ी-पटरी वालों की आजीविका और स्थिति के विकास और उनके कार्य क्षेत्र,स्वच्छता और प्रशिक्षण सुविधाओं पर तत्काल ध्यान देने के साथ उनके जीवन स्तर में सुधार के लिए नियम बनाने के आधार पर हुआ है ।
नासवी और एनसीयूआई ने स्थायी आजीविका मॉडल विकसित करने के लिए पायलट परियोजनाओं क्रियावन्न की भी योजना बनाई है और अपने व्यावसायिक लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया और तकनीकी हस्तक्षेपों के जरिये उनकी क्षमता का निर्माण में किया गया है।
डॉ.सुधीर महाजन ने नासवी के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि एनसीयूआई नासवी को स्ट्रीट वेंडरों की क्षमता निर्माण और स्ट्रीट वेंडरों की सहकारी समितियों को सशक्त बनाने के लिए उन्हें पंजीकृत करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगा। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से पहले, एनसीयूआई के अधिकारियों और सहकारी उद्यमिता विकास प्रकोष्ठ की नासवी टीम के बीच सहयोग के तौर-तरीकों की पहचान करने और दिल्ली में कुछ स्थानों की पहचान करने के लिए कुछ बैठकें संयुक्त रूप से आयोजित की बात कही गई।