इफको के एमडी डॉ. यूएस अवस्थी को सहकार भारती का 'फर्टिलाइजर मैन ऑफ इंडिया' सम्मान
अमृतसर में आयोजित सहकार भारती के 8वें राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाह (महासचिव) दत्तात्रेय होसबोले, सहकार भारती के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. उदय जोशी और पंजाब के राज्यपाल सह चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने डॉ. यूएस अवस्थी को यह सम्मान प्रदान किया।
उर्वरक क्षेत्र की विश्व की सबसे बड़ी सहकारी संस्था इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी को सहकार भारती द्वारा "फर्टिलाइजर मैन ऑफ इंडिया" की उपाधि से सम्मानित किया गया। अमृतसर में आयोजित सहकार भारती के 8वें राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाह (महासचिव) दत्तात्रेय होसबोले, सहकार भारती के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. उदय जोशी और पंजाब के राज्यपाल सह चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने उन्हें यह सम्मान प्रदान किया।
डॉ. अवस्थी को यह उपाधि उर्वरक और कृषि के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दी गई है। नैनो उर्वरकों के बारे में उनकी अभिनव सोच से देश के साथ-साथ वैश्विक कृषि और उर्वरक क्षेत्र का कायाकल्प हो सकता है। डॉ. अवस्थी ने मिट्टी में पोषक तत्वों की वृद्धि हेतु किसानों को हरी जैविक खाद के प्रयोग संबंधी प्रशिक्षण दिलाने के साथ-साथ देश भर में ‘मृदा बचाओ अभियान’ की शुरुआत की। उर्वरक उद्योग के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान का उल्लेख करते हुए उन्हें प्रशस्ति पत्र और ताम्र पत्र (कांस्य पट्टिका) से सम्मानित किया गया। इफको की उल्लेखनीय प्रगति और भारतीय सहकारी आंदोलन में उनके योगदान के लिए डॉ. अवस्थी को हाल ही में इंटरनेशनल कोऑपरेटिव अलायंस (आईसीए) के रोशडेल पायनियर्स पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।
डॉ. अवस्थी ने कहा, "मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि सहकारिता जगत ने किसानों और सहकारी समितियों के विकास के लिए किए गए मेरे काम को पहचाना है। मैं इस प्रतिष्ठित सम्मान और उपाधि के लिए सहकार भारती को हृदय से धन्यवाद देता हूं।" उन्होंने आगे कहा कि हमें उर्वरकों के मामले में आत्मनिर्भर बनना होगा और नवीन नैनो प्रौद्योगिकी आधारित उर्वरकों को अपनाकर उर्वरकों के कच्चे माल के आयात पर निर्भरता कम करनी होगी। इससे विदेशी मुद्रा की बचत होगी और साथ ही रॉक फॉस्फेट, पोटाश और प्राकृतिक गैस की खपत भी कम होगी।
डॉ. अवस्थी ने सहकार भारती से आग्रह किया कि वे दूरदराज के गांवों में छोटी सहकारी समितियों को सहायता प्रदान कर सहकार को बढ़ावा दें तथा उन्हें स्थायी व्यवसाय मॉडल खड़ा करने में मदद करें। उन्होंने सहकार भारती से देश भर के किसानों को नैनो उर्वरकों के फायदों के बारे में बताने तथा भारत को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की इसकी क्षमता पर जोर देना चाहिए।