10,000 नई पैक्स का शुभारंभ, 5 साल से पहले बनेंगी 2 लाख सहकारी समितियां

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि नाबार्ड, एनडीडीबी और एनएफडीबी ने 10 हजार प्राथमिक सहकारी समितियों के पंजीकरण में बड़ी भूमिका निभाई है।

10,000 नई पैक्स का शुभारंभ, 5 साल से पहले बनेंगी 2 लाख सहकारी समितियां

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को नवगठित 10,000 बहुउद्देशीय प्राथमिक सहकारी समितियों का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि सरकार 2 लाख पैक्स की स्थापना का अपना लक्ष्य पांच साल से पहले ही हासिल कर लेगी।

नई दिल्ली में आयोजित समारोह में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के दिन 10 हजार नई बहुद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS), डेयरी व मत्स्य सहकारी समितियों का शुभारंभ हो रहा है। संविधान में 97वां संशोधन अटल जी के समय में ही आया और बहुत समय से हाशिए पर पड़ी सहकारिता को अटल जी ने फिर से महत्व दिया था।

अमित शाह ने कहा कि कहा कि 'सहकार से समृद्धि' तभी संभव है जब हर पंचायत में सहकारिता उपस्थिति हो और वहां किसी न किसी रूप में काम करे। देश के त्रिस्तरीय सहकारिता ढांचे को सबसे ज़्यादा ताकत प्राथमिक सहकारी समिति ही दे सकती है, इसीलिए मोदी सरकार ने 2 लाख नए पैक्स बनाने का निर्णय किया था। हमने 86 दिन के अंदर ही 10 हजार पैक्स को रजिस्टर करने का काम पूरा कर लिया है।

केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि नाबार्ड, एनडीडीबी और एनएफडीबी ने 10 हजार प्राथमिक सहकारी समितियों के पंजीकरण में बड़ी भूमिका निभाई है। सहकारिता मंत्रालय की स्थापना के बाद सबसे बड़ा काम सभी पैक्स का कम्प्यूटराइजेशन करने का किया गया। इससे पैक्स को 32 प्रकार की नई गतिविधियों से जोड़ा गया। पैक्स को बहुआयामी बनाकर उन्हें भंडारण, खाद, गैस, उर्वरक और जल वितरण के साथ जोड़ा गया है। शाह ने कहा कि ट्रेन्ड मैनपावर न होने के कारण ये सब हम नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि इसके लिए आज प्रशिक्षण मॉड्यूल का भी शुभारंभ हुआ है जो पैक्स के सदस्यों और कर्मचारियों को संपूर्ण प्रशिक्षण देने का काम करेंगे।

इस अवसर पर 10 सहकारी समितियों को RuPay किसान क्रेडिट कार्ड और माइक्रो एटीएम का वितरण किया गया। आने वाले दिनों में हर प्राथमिक डेयरी को माइक्रो-एटीएम दिया जाएगा। शाह ने कहा कि गांव में कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) जब पैक्स बन जाता है तो गांव के हर नागरिक को किसी न किसी रूप में पैक्स के दायरे में आना पड़ता है। यह एक बहुद्देशीय कार्यक्रम है, जिससे किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने का एक मजबूत प्रयास होगा।

मोदी सरकार ने अगले पांच साल में 2 लाख नए पैक्स गठित करने का लक्ष्य रखा है। पहले चरण में नाबार्ड 22,750 पैक्स और दूसरे चरण में 47,250 पैक्स बनाएगा। इसी प्रकार एनडीडीबी 56,500 नई समितियाँ बनाएगा और 46,500 मौजूदा समितियों को सुदृढ़ बनाएगा। एनएफडीबी 6,000 नई मत्स्य सहकारी समितियाँ बनाएगा और 5,500 मौजूदा मत्स्य सहकारी समितियों का सशक्तिकरण करेगा। इनके अलावा राज्यों के सहकारी विभाग 25000 पैक्स बनाएंगे। नए मॉडल बायलॉज के साथ अब तक 11,695 नई प्राथमिक सहकारी समितियां पंजीकृत हुई हैं।

नए पैक्स बनने के बाद फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेजेस के माध्यम से किसानों की उपज को वैश्विक बाजार में पहुंचाना बड़ा सरल हो जाएगा। बंद पड़े पैक्स के परिसमापन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी जारी की, जिससे 15,000 गांवों में नई समितियों की स्थापना की जा सकेगी। मौजूदा मानदंडों के तहत, जब तक कि बंद घोषित न कर दिया जाए, तब तक किसी गांव में दूसरी पैक्स स्थापित नहीं की जा सकती।

इस अवसर पर केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी एवं पंचायती राज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह, केन्द्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल और मुरलीधर मोहोल और सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

 

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